रवि प्रदोष व्रत के दिन इस उपाय से चमक सकती है आपकी किस्मत, खुल जाएंगे भाग्य

धर्म { गहरी खोज } :हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना अलग और विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव के लिए रखा जाता है। साथ ही प्रदोष व्रत को रखने से कुंडली में चंद्र की स्थिति मजूबत होती है। जिन लोगों को मानसिक तनाव और टेंशन जैसा समस्या अधिक रहती है उन लोगों के लिए प्रदोष का व्रत रखना लाभकारी हो सकता है। जानते हैं जून माह में कब रखा जाएगा प्रदोष का त्रयोदशी तिथि 8 जून, रविवार सुबह 07.17 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन 9 जून सोमवार को सुबह 09.35 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान प्रदोष काल में पूजा का समय रहेगा शाम 6.34 मिनट से लेकर रात 8.48 मिनट। जिसकी अवधि कुल 2.14 मिनट रहेगी। प्रदोष काम सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है, प्रदोष काल को भोलेनाथ की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस बार प्रदोष का व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, इसीलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। जो लोग आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे हैं उन लोगों के रवि प्रदोष व्रत को रखना लाभकारी साबित हो सकता है। रवि प्रदोष का व्रत पारिवारिक सुख, आत्मबल और समाज में मान-सम्मान प्राप्त करता है।
रवि प्रदोष व्रत
प्रदोष का व्रत करने से लोगों के घर की सभी समस्याओं का समाधान होता है,साथ ही जिन लोगों के जीवन में धन का अभाव, घर में कलेश रहता है, अशांति रहती है या जिन लोगों को नौकरी मिलने में दिक्कतें आ रही हो, या शादी में किसी ना किसी बात से विघ्न आ रहा हो वह लोग रवि प्रदोष का व्रत जरूर करें। रवि प्रदोष व्रत का पालन करने से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें समाप्त होती हैं, साथ ही धन की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से शिव जी के साथ-साथ सूर्य देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और भगवान शिव अनेक भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि रखते हैं।
रवि प्रदोष व्रत उपाय
8 जून, रविवार के दिन पड़ने वाले रवि प्रदोष के दिन प्रदोष काल के समय अपने घर से भरा लोटा जल और घी का दीपक लेकर शाम के समय शिव मंदिर में जल अर्पित करने से और दीपक जलाने से 26 प्रदोष व्रत के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।
रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह व्रत का संकल्प लेने के बाद प्रातः सूर्य को जल चढ़ाते हुए इस मंत्र का जाप करें। ॐ घृणिः सूर्याय नमः
इस दिन आर्थिक संकट को दूर करने के लिए प्रदोष काल में शिवलिंग पर काले तिल, चावल और जल अर्पित करें।