प्रकृति संरक्षण और स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्लास्टिक मुक्त वातावरण बनाना पहली प्राथमिकता: मुख्यमंत्री

चंडीगढ़{ गहरी खोज }: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे प्रकृति संरक्षण और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में योगदान देने हेतु एक पेड़ अवश्य लगाएं और प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का संकल्प लें।
मुख्यमंत्री आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला चरखी दादरी में आयोजित एक पेड़ मां के नाम 2.0 राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के दूसरे चरण, हरित अरावली कार्य योजना तथा मियावाकी पौधारोपण अभियान का शुभारंभ किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने 5 इलेक्ट्रिक बसों को भी वायु प्रदूषण मुक्त के संदेश के साथ झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान की शुरुआत की थी। उनका कहना था कि जितना सम्मान हम अपनी जन्म देने वाली माँ को देते हैं, उतना ही सम्मान, हमारी धरती माता को भी दें।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों के सहयोग से बनाई गई हरित अरावली कार्य योजना के तहत चार राज्यों में फैले अरावली क्षेत्र को हरा-भरा बनाना है। इसमें चारों राज्यों के 29 जिलों को शामिल किया गया है, जिसमें हरियाणा के 5 जिले शामिल है।
उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य वायु, जल, व मिट्टी हर प्रकार के प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस बार के विश्व पर्यावरण दिवस का थीम है- प्लास्टिक मुक्त धरती। उन्होंने कहा कि आज प्लास्टिक से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है और हमें इसके प्रति भी सचेत होने की आवश्यकता है, क्योंकि आने वाली पीढ़ियों को भी इससे नुकसान होगा। पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब हम विकसित भारत और विकसित हरियाणा की दिशा में बढ़ रहे हैं तो इस यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है कि हमारा पर्यावरण स्वच्छ हो। इसके लिए हमें पेड़ों को कटने से बचाना होगा और साथ ही प्लास्टिक के उपयोग को भी बंद करना होगा।
उन्होंने कहा कि जब तक हम प्लास्टिक कचरे पर वैश्विक स्तर पर हो रहे दुष्प्रभावों के बारे में नहीं जानेंगे तब तक उसके निपटान के बारे में भी हम नहीं सोच सकेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रकृति को प्लास्टिक मुक्त बनाने का ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और इस प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए विभिन्न कदम भी उठाए जा रहे हैं। हरियाणा में राज्य सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक के आइटम पर बैन लगाया है। साथ ही 120 एमएम की प्लास्टिक थैलियों पर भी बैन लगाया है।