बेंगलुरु भगदड़ : मृतकों को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए: प्रमोद तिवारी

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नई दिल्ली { गहरी खोज } : कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बेंगलुरु भगदड़ पर दुख जताते हुए मांग की है कि मृतकों के परिजनों को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। गुरुवार को समाचार एजेंसी उन्होंने कहा कि यह बहुत दर्दनाक और दुखद घटना है। मैं मरने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। कर्नाटक सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है। यह पूरा मामला कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आता है। जैसा कि मैं जानता हूं, आरसीबी में एक विदेशी कंपनी की बड़ी हिस्सेदारी है और आरसीबी ने करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक कमाए हैं। इसलिए अगर वे यह पैसा 11 मृतकों में में दो करोड़ के तौर पर बांटते हैं, तो 22 करोड़ रुपये होंगे। घायलों को 25-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसमें कई घायल ऐसे भी होंगे जो दिव्यांग हो गए। ऐसे घायलों को अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही मैं मांग करता हूं कि इस घटना की जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।
संसद के मॉनसून सत्र को लेकर कांग्रेस सांसद ने कहा कि पीएम मोदी का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। सत्र के संचालन के दौरान पीएम मोदी शामिल नहीं होते हैं। पीएम मोदी सच्चाई का सामना नहीं करना चाहते हैं। वह नहीं चाहते हैं कि विपक्ष पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल पूछे। लेकिन, हम चाहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना के शौर्य का गुणगान किया जाए। लेकिन, पीएम अपना गुणगान करवाना चाहते हैं सेना के गुणगान नहीं। उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र की घोषणा बेईमानी तरीके से की गई है। क्योंकि, इससे पहले ऐसी घोषणा नहीं होती थी कि आप 48 दिन पहले सत्र की घोषणा कर दे। मुझे 44 साल का संसदीय अनुभव है। सत्र की घोषणा सात दिन पहले कर दी जाती है। लेकिन, मनमर्जी तरीके से घोषणा कर दी गई।
जाति जनगणना पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद ने कहा कि राहुल गांधी ने यह सिद्ध कर दिया है कि झुकती तो बड़ी-बड़ी ताकते हैं, झुकाने वाला चाहिए। भाजपा वाले तो जाति जनगणना के पक्ष में नहीं थे। लेकिन, राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि जाति जनगणना करवानी पड़ेगी। केंद्र की यह सरकार राहुल गांधी के आगे झुक गई।
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैंने राज्यसभा में कहा था कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा क्यों हो रही है। अभी मंडप नहीं बना, अभी उस पर ध्वजा नहीं लगी। चारों शंकराचार्य ने बहिष्कार कराया। लोकसभा चुनाव से पहले राम प्रतिष्ठा हुई। अब साल भर बाद राम परिवार स्थापित हो रहा है। मैं पीएम मोदी से कहना चाहूंगा कि जनता की भावना से खिलवाड़ मत कीजिए। भगवान को बख्श दीजिए।

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