‘ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों को मजबूत करने’ पर चर्चा

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: नीति आयोग ने बुधवार को ‘ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों को मजबूत करने’ पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जिसमें नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों, वित्तीय संस्थानों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और जमीनी स्तर के उद्यमियों ने विचार-विमर्श किया।
नीति आयोग ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संगोष्ठी में महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके अलावा समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने में ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया गया।
संगोष्ठी में कहा गया कि नीतिगत ढांचों को सक्षम बनाने, किफायती ऋण तक पहुंच में सुधार करने और डिजिटल और बाज़ार पहुंच को बढ़ाने की आवश्यकता बतायी गयी।
विशेषज्ञों ने ग्रामीण उद्यमिता को सहारा देने के लिए मिश्रित वित्त मॉडल, संस्थागत संपर्क और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधियों का लाभ उठाने पर बल दिया। बाजार पहुंच और प्रभाव का विस्तार करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और निजी क्षेत्र के संसाधनों को खोलने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया।
महिला उद्यमिता मंच को महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में स्वीकार किया गया। इसके अलावा ग्रामीण उद्यमियों, विशेषरूप से महिलाओं को भारत के विकास की कहानी के केंद्र में रखकर उन्हें एक राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में नीति निर्माण पर बल दिया गया।

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