सेना में भर्ती के नाम पर चल रहा था फर्जीवाड़े का सेंटर, संचालक और महिला असिस्टेंट गिरफ्तार

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मैनपुरी{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद में सेना में भर्ती दिलाने के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है। किशनी थाना क्षेत्र के बिधूना चौराहा पर संचालित हो रहे इस फर्जी ट्रेनिंग सेंटर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य फरार है। गिरफ्तार आरोपियों में सेंटर का मुख्य संचालक और उसकी महिला असिस्टेंट शामिल हैं। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को सेना, पैरामिलिट्री और अन्य सुरक्षा बलों में भर्ती का झांसा देकर न केवल आर्थिक ठगी कर रहा था, बल्कि उन्हें फर्जी दस्तावेज और नकली ट्रेनिंग देकर भ्रमित भी कर रहा था।
पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार आरोपी युवक यूट्यूब और सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी संस्था का प्रचार करता था। आकर्षक विडियो, पूर्व सैनिकों जैसी पोशाक, फर्जी ट्रेनिंग और सरकारी मंत्रालयों के नाम पर प्रमाण पत्र दिखाकर भरोसा दिलाया जाता था। भर्ती की तैयारी के नाम पर युवाओं से मोटी रकम ली जाती थी।
छापेमारी के दौरान पुलिस को बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, यूनिफॉर्म, नकली एयरगन, कई सीलें और लेटरहेड्स, और विभिन्न मंत्रालयों के फर्जी सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं।
पूछताछ में यह सामने आया है कि इस गिरोह का जाल केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था। आरोपी ने तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान में भी इसी तरह के सेंटर चला रखे थे, जहां सैकड़ों युवाओं को “आर्मी ट्रेनिंग” देने के नाम पर ठगा गया। ये युवक भर्ती की आस में महीनों तक प्रशिक्षण लेते रहे और अंत में ठगी का शिकार बनते रहे।
मुख्य आरोपी पर पहले से ही कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। स्थानीय पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आरोपी पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार हो चुका है लेकिन हर बार नए नाम और नए ठिकानों से फर्जीवाड़ा शुरू कर देता था।
इस पूरे खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस टीम को एसपी मैनपुरी द्वारा इनाम देकर सम्मानित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी और युवाओं को भी जागरूक रहने की आवश्यकता है।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इस गिरोह ने सैकड़ों युवाओं को सेना, पुलिस या अन्य सरकारी सेवा में भर्ती का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की है। अधिकतर पीड़ित ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवा हैं जो सरकारी नौकरी की चाहत में इस जाल में फंसते चले गए।
मैनपुरी में पकड़े गए इस फर्जी आर्मी भर्ती गिरोह का खुलासा एक गंभीर चेतावनी है। युवाओं को जागरूक रहना होगा और किसी भी प्रकार की भर्ती से पहले सरकारी वेबसाइटों और वैध प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। प्रशासन से भी अपेक्षा की जाती है कि ऐसे फर्जीवाड़ों पर रोक लगाने के लिए सतर्कता और निगरानी तंत्र को और सख्त किया जाए।

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