कन्हैयालाल हत्याकांड पर राजनीति का आरोप, न्याय में देरी पर उठाए सवाल :गहलोत

जयपुर{ गहरी खोज }: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर जमकर राजनीति की और इसे राजस्थान चुनाव का मुख्य मुद्दा बना दिया, जबकि दोषियों को अब तक सजा नहीं मिली है। गहलोत ने कहा कि घटना की रात को ही यह केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले लिया था। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा की केंद्र सरकार के अधीन आने वाली एजेंसी NIA के पास यह केस तीन साल से होने के बावजूद, इस स्पष्ट प्रकृति के मामले में अब तक दोषियों को सजा क्यों नहीं हो सकी है।
कन्हैयालाल के परिजनों ने भी इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि इस केस को फास्ट ट्रैक पर नहीं चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह केस NIA कोर्ट, जयपुर में विचाराधीन है। NIA कोर्ट का अतिरिक्त प्रभार (एडिशनल चार्ज) CBI कोर्ट के न्यायाधीश के पास था, जिनका हाल ही में तबादला हो गया है, जिससे केस की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
परिजनों के अनुसार, पिछले छह महीने से केस में कोई नई तारीख नहीं पड़ी है। इससे पहले केवल गवाहों के बयान चल रहे थे, लेकिन तीन मुख्य गवाहों के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं। इस केस में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से अब तक दो को जमानत भी मिल चुकी है। इस महीने कन्हैयालाल हत्याकांड को तीन वर्ष पूरे हो जाएंगे।
अशोक गहलोत ने इस बात पर भी जोर दिया कि राजस्थान पुलिस ने अपराधियों को मात्र 4 घंटे में गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने यह भी बताया कि कन्हैयालाल के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और उनके दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी दी गई थी। हालांकि, गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने जनता में अफवाह फैलाई कि केवल 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया और इस तरह ‘पांच लाख, पचास लाख की राजनीति’ की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दृढ़ता से कहा कि यदि NIA ने यह केस अपने हाथ में नहीं लिया होता और यह राजस्थान पुलिस के पास रहता, तो उनकी सरकार के कार्यकाल में ही दोषियों को सजा सुना दी जाती। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि भाजपा का इरादा पीड़ितों को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि इस केस पर केवल राजनीति करना लगता है। यह बयान राजस्थान में राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर सकता है।