हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द किस बीमारी का लक्षण है, एक्सपर्ट से जानें

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: हम सभी ने कभी न कभी शरीर के किसी हिस्से में हल्का-फुल्का दर्द महसूस किया है, लेकिन अगर हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द बना रहता है तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह सिर्फ थकावट या उम्र का असर नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। आइए आर्थोपैडिक डॉक्टर से जानते हैं कि इस तरह के दर्द के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, किन बीमारियों का संकेत हो सकता है और सही जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट कराना जरूरी है।

अगर आपके घुटनों, कमर, पीठ, कंधे या हाथ-पैरों के जोड़ों में बार-बार दर्द होता है, चलने-फिरने या सीढ़ियां चढ़ने में तकलीफ होती है तो ये सामान्य दर्द नहीं है। सर्वोदय अस्पताल में आर्थोपैडिक विभाग में डॉ। अंचिल उप्पल बताते हैं कि हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द रहता है तो यह कई समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले अपनी शरीर में विटामिन बी12 और डी की जांच कराएं। इनकी कमी से भी यह दर्द हो सकता है।

अगर टेस्ट में इनकी रिपोर्ट नॉर्मल आती है तो फिर डॉक्टर की सलाह पर आपको खून की कई दूसरी जांच जैसे आरए फैक्टर और अन्य ब्लड टेस्ट कराने होंगे। इनसे शरीर में सूजन या किसी संक्रमण की जानकारी मिल जाएगी। जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन या एमआरआई भी कराना पड़ सकता है। इस सब का निर्णय डॉक्टर आपके लक्षण और बीमारी के आधार पर लेंगे।

गठिया

गठिया एक आम बीमारी है जो हड्डियों के जोड़ में सूजन और दर्द पैदा करती है। इसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस (बुजुर्गों में आम), रूमेटॉइड आर्थराइटिस (इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारी) शामिल हैं। सुबह उठते ही जोड़ अकड़ जाना इसका प्रमुख लक्षण है।

ऑस्टियोपोरोसिस

इसमें हड्डियां कमजोर होकर आसानी से टूटने लगती हैं। यह बीमारी खासतौर पर महिलाओं में 40 की उम्र के बाद ज्यादा देखी जाती है। कमर या पीठ में लगातार दर्द इसका संकेत हो सकता है।

ल्यूपस

यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की इम्यून प्रणाली खुद की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। इसमें जोड़ों के अलावा त्वचा, किडनी और दिल भी प्रभावित हो सकते हैं।

यूरिक एसिड बढ़ना

अगर पैरों के अंगूठे, एड़ियों या घुटनों में अचानक तेज दर्द होता है, सूजन आ जाती है, तो यह यूरिक एसिड के बढ़ने का संकेत हो सकता है। यह भी जोड़ों की गंभीर बीमारी है।

कौन-कौन से टेस्ट कराना जरूरी है?
अगर जोड़ों या हड्डियों में लगातार दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ जरूरी जांच कराना जरूरी है। जैसे ब्लड टेस्ट (CBC, ESR, CRP)। शरीर में सूजन, इन्फेक्शन या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी का पता चलता है। RA Factor और ANA Test- रूमेटॉइड आर्थराइटिस और ल्यूपस जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए यह जांच होती है।

विटामिन D और कैल्शियम टेस्ट- हड्डियों की मजबूती की स्थिति जानने के लिए।

DEXA स्कैन- हड्डियों की घनता (Bone Density) की जांच के लिए, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का पता चलता है।

एक्स-रे / एमआरआई- हड्डियों और जोड़ की स्थिति को बारीकी से देखने के लिए।

क्या कहते हैं डॉक्टर
आर्थोपैडिक विशेषज्ञ डॉ। अंचिल उप्पल बताते हैं कि अगर दर्द तीन हफ्ते से ज्यादा समय से बना है, तो इसे घरेलू उपायों से ठीक करने की कोशिश न करें। तुरंत किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और सही जांच कराएं। समय रहते बीमारी पकड़ में आ जाए तो इलाज आसान हो जाता है।

लाइफस्टाइल और डाइट में बदलवा
इसके अलावा डॉक्टर उप्पल कहते हैं कि अगर अपनी डाइट और लाइफ स्टाइल को ठीक कर लिया जाए तो काफी हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है। जैसे अपनी डाइट में विटामिन D, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें। रोजाना हल्की एक्सरसाइज या योग करें ताकि जोड़ों की मूवमेंट बनी रहे। वजन नियंत्रित रखें क्योंकि ज्यादा वजन से घुटनों पर दबाव बढ़ता है।लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े न रहें।

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