नौ ‘स्वच्छ पौधा’ परियोजनाएं हाेंगी शुरू

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश भर में नौ ‘स्वच्छ पौधा ‘ परियोजनाएं शुरू की जाएंगी जिनमें से तीन महाराष्ट्र में होंगी।
श्री चौहान ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित प्रथम कृषि हेकाथान को संबोधित करते हुए कहा कि बागवानी क्षेत्र में खेती के लिए उपलब्ध पौधे रोगमुक्त और उत्पादक होने आवश्यक है, लेकिन इसका आश्वासन देने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ‘स्वच्छ पौधा’ कार्यक्रम शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को मिलने वाले पौधे रोगमुक्त हों। देशभर में नौ ‘स्वच्छ पौधा’ परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें से तीन परियोजनाएं महाराष्ट्र में 300 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की जाएंगी। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि पुणे में अंगूर, नागपुर में संतरे और सोलापुर में अनार के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के साथ-साथ आधुनिक नर्सरियां भी स्थापित की जाएंगी। इन नर्सरियों से खेती के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने वालों को मदद मिलेगी। बड़ी नर्सरियों के लिए तीन करोड़ रुपये और मध्यम आकार की नर्सरियों के लिए 1.5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इन नर्सरियों के जरिए किसानों को हर साल आठ करोड़ रोगमुक्त पौधे उपलब्ध होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए इजरायल और नीदरलैंड जैसे देशों से भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि से लाभ उठाने के लिए प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाने, उत्पादन लागत कम करने, कृषि उत्पादों के उचित मूल्य दिलाने और किसानों को नुकसान की भरपाई के उपाय आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में अच्छे बीज तैयार करने, उत्पादन बढ़ाने और बीमारियों का निदान करने के लिए काम करते हैं, लेकिन, उनके शोध समय पर किसानों तक नहीं पहुंच पाते। इस अंतर को पाटने के लिए सरकार ‘लैब टू लैंड’ से वैज्ञानिकों और किसानों को एक साथ लाने का प्रयास कर रही है।
कृषि क्षेत्र में युवाओं के प्रवेश नहीं करने की धारणा काे गलत करार देते हुए श्री चौहान ने कहा कि वे अपने कौशल का उपयोग करें और कृषि क्षेत्र में प्रवेश करें तथा स्टार्टअप शुरू करें। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बीज की किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता भी जताई ताकि नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों की हर समस्या का समाधान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

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