भारत ध्रुवीय अनुसंधान पोत बनाएगा, नॉर्वे के साथ समझौता

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत पहली बार नार्वे के सहयोग से अपना पहला पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत (पीआरवी) बनाने जा रहा है तथा नार्वे की कंपनियों को भारत के पोतनिर्माण और पुराने पोतों को तोड़ने के कारोबार में निवेश बढ़ाने का निमंत्रण दिया है।
नार्वे की यात्रा पर गए बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में भारत के स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने नार्वे के कोंग्सबर्ग समूह के साथ सहयोग के करार पर हस्ताक्षर किए गए। जीआरएसई का मुख्यालय कोलकाता में है तथा ओस्लो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कोंग्सबर्ग रक्षा, ऊर्जा, समुद्री, मत्स्य पालन और एयरोस्पेस उद्योगों को प्रौद्योगिकी समाधान प्रस्तुत करने का कारोबार करती है।