सिक्किम भूस्खलन: लाचेन में 6 लापता सैनिकों की तलाश तेज, PM मोदी ने जताई चिंता

गंगटोक{ गहरी खोज }: सिक्किम में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्पन्न आपदा की स्थिति के बीच लाचेन के छत्तेन इलाके से लापता छह सैनिकों की तलाश तेज कर दी गई है। लापता सैनिकों की तलाश के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 32 सदस्यीय विशेष टीम मंगलवार सुबह सिलीगुड़ी से विशेष हेलीकॉप्टर के ज़रिए पाकयोंग हवाई अड्डे पहुंची और वहां से लाचेन रवाना हुई।
गौरतलब है कि रविवार रात छत्तेन क्षेत्र में सेना का एक कैंप भूस्खलन की चपेट में आने से जहां तीन जवानों की मौत हो गई वहीं छह जवान लापता हो गए जिनका अभी तक लापता नहीं चला है। मृतकों की पहचान हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा के रूप में हुई है। लापता जवानों की तलाश के लिए एनडीआरएफ के साथ सेना, बीआरओ और पुलिस की टीमें भी राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
बचाव अभियान के लिए भारतीय वायुसेना के दो एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। आज सुबह इन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से छत्तेन से फंसे हुए कुछ लोगों को सफलतापूर्वक निकाला गया। अभी तक कुल 34 लोगों को सुरक्षित रूप से पाकयोंग ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे पहुंचाया गया है, जिनमें घायल सैन्यकर्मी, उनके परिजन और कुछ पर्यटक भी शामिल हैं। इसके अलावा अब तक लाचुंग और चुंगथांग जैसे प्रभावित क्षेत्रों से 1678 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। हालांकि, लाचुंग में अभी भी 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं।
सिक्किम में लगातार चार दिनों से हो रही बारिश होने के कारण उसके उत्तरी हिस्से में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। लगभग 130 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे तीस्ता नदी उफान पर है। लाचुंग, गुरुडोंगमार और फूलों की घाटी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल प्रभावित हुए हैं। कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें टूट गई हैं, दो पुल बह गए हैं और संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है। सड़क नेटवर्क के ध्वस्त हो जाने से राहत कार्यों में बाधा आ रही है, लेकिन बीआरओ के इंजीनियर और जवान सड़क मार्गों को पुनः चालू करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने सैटेलाइट फोन के जरिए संपर्क बनाए रखने की व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए कल असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि उन्होंने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर हालात की जानकारी ली और भाजपा कार्यकर्ताओं को सक्रिय रहने का निर्देश दिया।
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 29 मई से पूर्वोत्तर भारत में जारी भारी बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें सबसे अधिक 10 मौतें असम में, अरुणाचल प्रदेश में नौ, मिजोरम और मेघालय में छह-छह, त्रिपुरा में दो और नागालैंड में एक व्यक्ति की जान चली गयी हैं। अधिकांश मौतें डूबने, भूस्खलन और जलभराव के कारण हुई हैं।
सिक्किम पुलिस महानिदेशक अक्षय सचदेवा ने जानकारी दी कि लाचेन और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों को निकालने का अभियान लगातार जारी है। प्रशासन, सेना और राहत एजेंसियां चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय निगरानी रखी जा रही है और मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है।