राजस्थान में एनआईए की बड़ी कार्रवाई: पाक जासूसी नेटवर्क से जुड़े संदिग्ध के ठिकाने पर छापा

0
WhatsApp-Image-2025-06-01-at-12.12.10

जयपुर{ गहरी खोज }: पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राजस्थान में बड़ी कार्रवाई की। एनआईए की टीम ने राज्य के एक अहम ठिकाने पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए हैं। यह कार्रवाई पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) से जुड़े संदिग्धों की भूमिका की जांच के तहत की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए को इनपुट मिला था कि राजस्थान में कुछ व्यक्ति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क में हैं और गोपनीय जानकारी साझा कर रहे हैं। इस आधार पर जयपुर सहित अन्य स्थानों पर छापा मारा गया। कार्रवाई के दौरान टीम को कई डिजिटल डिवाइस, संदिग्ध फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन से जुड़े कागज़ात और अन्य आपत्तिजनक सामग्री हाथ लगी है। एनआईए की जांच में सामने आया है कि संदिग्धों को पाकिस्तान से हवाला के जरिये फंडिंग हो रही थी और वे भारत की सामरिक जानकारियां लीक कर रहे थे। यह जासूसी नेटवर्क 2023 से सक्रिय बताया जा रहा है, जिसकी कड़ी राजस्थान से भी जुड़ती दिख रही है।
एनआईए पहले ही इस केस को गंभीर मानते हुए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 और यूएपीए एक्ट 1967 सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज कर चुकी है। राजस्थान में की गई कार्रवाई को जांच की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पाकिस्तान से जुड़े जासूसी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश के आठ राज्यों में 15 स्थानों पर एक साथ बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) से जुड़े संदिग्धों के खिलाफ की गई। एनआईए ने जिन राज्यों में छापे मारे उनमें दिल्ली, महाराष्ट्र (मुंबई), हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। कार्रवाई के दौरान टीमों ने संदिग्धों के ठिकानों से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। ये सभी सबूत पाकिस्तान के इशारे पर भारत में चल रहे जासूसी नेटवर्क की जांच के तहत खंगाले जा रहे हैं। जांच में सामने आया है कि जिन लोगों के यहां छापे मारे गए, उनके पाकिस्तान स्थित जासूसी नेटवर्क से सीधे संपर्क थे। यह भी पता चला है कि इन लोगों को भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्तीय मदद मिल रही थी। एनआईए ने इस केस (RC-12/2025/NIA/DLI) को 20 मई को दर्ज किया था। इसकी शुरुआत उस आरोपी की गिरफ्तारी से हुई थी, जो 2023 से ही PIOs के साथ मिलकर संवेदनशील सूचनाएं साझा कर रहा था। बदले में उसे भारत के विभिन्न राज्यों में हवाला के जरिए पैसे मिल रहे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *