बैंडविड्थ को 1.7 जीबीपीएस से बढ़ाकर 2×100 जीबीपीएस करने से लक्षद्वीप में आयी संचार क्रांति: पटेल

कोच्चि/लक्षद्वीप{ गहरी खोज }:केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल ने कहा है कि बैंडविड्थ को 1.7 जीबीपीएस से बढ़ाकर 2×100 जीबीपीएस करने से प्रदेश के द्वीपों में संचार के बुनियादी ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन आया है।
श्री पटेल ने यूनीवार्ता को बताया कि इससे द्वीपों में ई-शिक्षा, ई-चिकित्सा, ई-गवर्नेंस, ई-ऑफिस, ई-बिलिंग, डिजिटल बैंकिंग, ई-कॉमर्स और अन्य पहल भी संभव हुई है। नेटवर्किंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 27 पुराने 2जी/3जी टावरों में से 23 को 4जी में अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा, 4जी सिग्नल रेडिएशन वाले 20 नए टावर लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 13 पहले ही चालू हो चुके हैं और सात निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा, कहा, “लक्षद्वीप के किसी भी द्वीप में सतही मीठे पानी के स्रोत नहीं हैं, इसलिए पीने योग्य पानी के लिए लोग भूजल पुनर्भरण (मानसून के दौरान वर्षा जल जमीन में रिसकर भूमिगत जल स्तर को बढ़ाता है) परपर निर्भर हैं।” उन्होंने कहा कि भूजल की उपलब्धता बहुत सीमित है, जिससे वर्षा जल और अलवणीकरण संयंत्र पीने योग्य पानी के प्राथमिक स्रोत बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कावारत्ती, अगत्ती और मिनिकॉय में एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले अलवणीकरण संयंत्र स्थापित किए थे और अब कल्पेनी, अमिनी, कदमत और चेतलाट में 1.5 लाख लीटर क्षमता वाले संयंत्र स्थापित किए हैं। जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार ने 10 बसे हुए द्वीपों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए पाइपलाइनों का विस्तार करने और अगत्ती, कावारत्ती, एंड्रोट, अमिनी और मिनिकॉय में पांच 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले अलवणीकरण संयंत्र स्थापित करने के लिए 268.81 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। सभी द्वीपों के सभी घरों को एफएचटीसी प्रदान किए गए हैं।