मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने बनासकांठा जिले से कुओं के रिचार्ज अभियान का शुभारंभ किया

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मुख्यमंत्री

  • प्रधानमंत्री ने जनबल-जनशक्ति को देश के विकास से जोड़ने और सबका साथ, सबका विकास की परंपरा विकसित की है
  • ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ रहे, मंत्र के साथ जल संचय के कार्य करें
  • पानी बचाना हम सभी का कर्तव्य : हमारी सनातन संस्कृति में पानी को परमेश्वर का प्रसाद और नदियों को माता का दर्जा मिला है
  • विकसित भारत के लिए प्रकृति के संरक्षण, राष्ट्र प्रेम, जनजागरूकता और भावी पीढ़ी के प्रति जिम्मेदारी से जुड़े संकल्पों को पूरा करें

गांधीनगर { गहरी खोज } : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शुरू किए गए ‘कैच द रेन’ अभियान के अंतर्गत ‘जल संचय-जनभागीदारी’ दृष्टिकोण के साथ शुक्रवार को बनासकांठा जिले की दांतीवाड़ा तहसील के चोडुंगरी गांव में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी सहित मंत्रियों और महानुभावों की विशेष उपस्थिति में रिचार्ज कुओं के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री और गणमान्य लोगों ने जेसीबी और ट्रैक्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना कराया और रिचार्ज कुएं का उद्घाटन भी किया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से कार्यान्वित ‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन – 2025’ के अंतर्गत ‘जल संचय-जनभागीदारी’ दृष्टिकोण को केंद्र में रखकर बनासकांठा जिले में रिचार्ज कूओं के निर्माण कार्य का आज से शुभारंभ हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनबल यानी जनशक्ति को देश के विकास में जोड़ने और सबका साथ, सबका विकास की परंपरा विकसित की है। आज गुजरात का जो सर्वग्राही विकास हुआ है, उसकी नींव में प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया जलशक्ति, जनशक्ति, ऊर्जाशक्ति, रक्षाशक्ति और ज्ञानशक्ति का विचार ही है। प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि पानी विकास की पहली शर्त है। श्री नरेन्द्र मोदी ने जब मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तब गुजरात में न तो पर्याप्त बिजली थी और न ही पर्याप्त पानी। श्री नरेन्द्र मोदी ने हममें आपदा और चुनौतियों को अवसर में बदलने का सामर्थ्य विकसित किया है। उन्होंने जल समस्या के निवारण के लिए जनशक्ति को जल संग्रहण, जल संचयन और चेक डैम के विराट अभियान में जोड़ा है। इसके परिणामस्वरूप गुजरात ‘वाटर डेफिसिट’ यानी पानी की कमी वाले राज्य से ‘वाटर सरप्लस’ यानी जल अधिशेष वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें समय से पूर्व आयोजन कर लेने की दिशा दिखाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में भूमिगत जल स्तर को ऊंचा उठाने के उम्दा उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने 2019 में राष्ट्रव्यापी जल शक्ति अभियान शुरू किया था। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश भर में जनभागीदारी से जल संचयन के कार्य शुरू किए गए हैं। बनासकांठा में भूगर्भ जल स्तर को ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार ने लगभग 50 हजार रिचार्ज कुएं बनाने का आयोजन किया है, जिसमें से 25 हजार रिचार्ज कुएं बनास डेयरी के सहयोग से बनाए जाएंगे। बनास डेयरी की इस प्रतिबद्धता के लिए मुख्यमंत्री ने श्री शंकरभाई चौधरी और उनकी टीम को बधाई दी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ रहे, ऐसा मंत्र देकर राज्य में सभी स्तरों पर जल संचयन के कार्य जनभागीदारी से शुरू कराए हैं।
श्री पटेल ने कहा कि “हमने मानसून के दिनों में व्यर्थ बह जाने वाले पानी को जल संचयन और जल प्रबंधन के प्रयासों से रोकने और उसे जमीन में उतारकर भूगर्भ जल स्तर को ऊंचा उठाने, सिंचाई व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने तथा खेत उत्पादन बढ़ाने के मुख्य उद्देश्य के साथ कुआं रिचार्ज का अभियान शुरू किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में पानी को परमेश्वर का प्रसाद और नदियों को माता का दर्जा दिया गया है। इतना ही नहीं, कृषि के ऋषि हमारे किसान कृषि क्रांति कर सकें, इसके लिए भी सिंचाई महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक कृषि सभी समस्याओं का समाधान है। राज्य में पर्याप्त पानी सुलभ होने से खेती और खेत उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। हमने खेती को और अधिक समृद्धि बनाने के लिए रासायनिक खाद मुक्त खेती, प्राकृतिक खेती पर फोकस किया है। रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी और मनुष्य, दोनों का स्वास्थ्य खराब होता है। आज कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोग बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस स्थिति में सुधार के लिए ‘बैक टू बेसिक’ का मंत्र दिया है और प्राकृतिक कृषि की मुहिम शुरू की है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लिए हमें प्रकृति के संरक्षण, राष्ट्रप्रेम, जनजागरूकता और भावी पीढ़ी के प्रति जिम्मेदारी से जुड़े संकल्प दिए हैं। पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनाते हुए सर्वांगीण विकास करने की राह दिखाकर उन्होंने जल संचयन के साथ-साथ ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे जनअभियान शुरू किए हैं। वोकल फॉर लोकल के मंत्र से स्वदेशी उत्पादन को तेजी देने और प्राकृतिक खेती अपनाकर भावी पीढ़ी के बेहतर स्वास्थ्य की राह भी प्रधानमंत्री ने दिखाई है। उन्होंने ऐसे संकल्पों के माध्यम से ‘विकसित भारत@2047’ के निर्माण का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आज का यह जल संचयन का हमारा प्रयास आने वाली पीढ़ियों को और अधिक जल सुरक्षा प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने ऑपरेशन सिंदूर की ज्वलंत सफलता के लिए वैश्विक नेता और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा देश की सैन्य शक्ति को बधाई दी और कहा कि देशभर का जनबल इस ऑपरेशन की सफलता से हमारे सैन्य बल की बहादुरी और शौर्य की तिरंगा यात्रा निकालकर सराहना कर रहा है। उन्होंने गर्व से कहा कि ऐसे में हम सभी लोगों को भी भारत माता की जय के नारे से देश के जवानों का सम्मान करना चाहिए।

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