लूट का गिरोह बेनकाब: महवा पुलिस ने पकड़ा एक आरोपी, सरगना काडू अब भी फरार

दौसा{ गहरी खोज }: महवा थाना पुलिस ने टीकरी मोड़ पर 14 अप्रैल को हुई लूट की गंभीर वारदात का खुलासा करते हुए गैंग के एक मुख्य आरोपी शैलेन्द्र सिंह जाटव को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके कब्जे से पीड़ित से लूटा गया एंड्रॉयड मोबाइल भी बरामद कर लिया है। इस संगठित लूट की साजिश को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना भगवान सहाय उर्फ काडू, जो एक हिस्ट्रीशीटर है, अभी तक फरार चल रहा है।
थानाधिकारी राजेन्द्र कुमार मीना ने जानकारी दी कि जितेन्द्र सिंह पुत्र नंदराम गुर्जर, जो कोलरा गांव का निवासी है, 14 अप्रैल को दिल्ली से अपने गांव लौट रहा था। रात करीब 10:55 बजे वह रोतहड़िया कट के पास रोडवेज बस से उतरा और पैदल टीकरी मोड़ की तरफ बढ़ने लगा। खंडेलवाल पेट्रोल पंप के पास पहले दो बदमाशों ने उस पर हमला किया। मुंह पर रुमाल डालकर न सिर्फ उसे दबोचा, बल्कि मारपीट कर उसका मोबाइल भी छीन लिया।
इसके कुछ ही देर बाद चार और बदमाश वहां पहुंचे—सभी ने चेहरे ढक रखे थे। इन छहों हमलावरों ने मिलकर जितेन्द्र के साथ बेरहमी से मारपीट की और उसे जान से मारने की धमकी दी। उसके मोबाइल से फोन-पे का पासवर्ड लेकर दो खातों से कुल ₹2700 रुपये ट्रांसफर कर लिए और जेब में रखे ₹800 रुपये भी लूट लिए।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह पूरी वारदात एक संगठित गिरोह ने की, जिसका संचालन कर रहा है: भगवान सहाय उर्फ काडू, पुत्र दिलीपसिंह मीना, निवासी हड़िया (हिस्ट्रीशीटर), देबू मीना, पुत्र विष्णू मीना, निवासी हड़िया, तैयब, पुत्र चांद मोहम्मद, निवासी हड़िया, शैलेन्द्र सिंह जाटव, पुत्र दिनेशचंद, निवासी टीकरी जाफरान।
इनमें से तीन आरोपी—काडू, देबू मीना और तैयब—अब भी फरार हैं। पुलिस के अनुसार यह गिरोह लूटपाट की वारदातों में लंबे समय से सक्रिय है और यह घटना उसी का हिस्सा है।
शैलेन्द्र सिंह जाटव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके पास से पीड़ित का लूटा गया एंड्रॉयड मोबाइल बरामद कर लिया है। उससे पूछताछ में कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर फरार आरोपियों की तलाश तेज़ कर दी गई है।
इस पूरे ऑपरेशन में महवा थाना अधिकारी राजेन्द्र मीना के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने तेज़ी से काम किया। टीम में शामिल थे : एसआई सुरेन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल हुकम सिंह, कांस्टेबल राजेश कुमार, महेशचंद, भागीरथ, राजकुमार, पप्पू और मनोज कुमार। पुलिस टीम लगातार फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी कर रही है।
इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि गिरोह न सिर्फ एक शिकार को निशाना बना रहा था, बल्कि एक तय रणनीति और योजना के तहत वारदात को अंजाम दे रहा था। पहले दो अपराधी पीड़ित पर हमला करते हैं और बाकी कुछ देर बाद आकर वारदात को पूरा करते हैं। मोबाइल से डिजिटल ट्रांजैक्शन, पासवर्ड पूछना, और कैश लूटना—इस सबमें उनकी तैयारी साफ नज़र आती है।
गिरोह का सरगना भगवान सहाय उर्फ काडू पुलिस के रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हिस्ट्रीशीटर है। उस पर पहले भी कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस का मानना है कि उसके नेतृत्व में यह गिरोह लगातार वारदातों को अंजाम देता आ रहा है।