दिल्ली हाईकोर्ट से लालू यादव को झटका, ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में याचिका खारिज

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The Union Minister for Railways Shri Lalu Prasad addressing the Economic Editors’ Conference - 2006, organised by the Press Information Bureau, in New Delhi on November 08, 2006. The Director General (M & C), PIB, Smt Deepak Sandhu is also seen.

नयी दिल्ली { गहरी खोज } : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में उनके खिलाफ चल रही निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में लालू यादव ने मांग की थी कि इस मामले में चल रही सुनवाई पर रोक लगाई जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत में कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही चल रही है और उसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
बता दें कि सीबीआई ने 3 जुलाई को लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
आरोप है कि 2004-2009 की अवधि के दौरान, लालू प्रसाद (तत्कालीन रेल मंत्री) ने विभिन्न रेलवे जोन में समूह ‘डी’ पदों पर प्रतिस्थापन की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।
पटना के कई निवासियों ने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में बेच दी और उपहार में दे दी।
पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि और अचल संपत्तियों को लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों ने पांच बिक्री कार्यों और दो उपहार कार्यों के माध्यम से हासिल किया था, जिसमें विक्रेता को भूमि हस्तांतरण का अधिकांश भुगतान नकद में दिखाया गया था।
सीबीआई ने इस मामले में 10 अक्टूबर 2022 को राबड़ी देवी और उनकी बेटी सहित 16 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और फिर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी ली गई थी।

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