लक्षद्वीप ने डीजल का उपयोग कम किया, हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया: पटेल

कोच्चि/लक्षद्वीप{ गहरी खोज }:डीजल पर निर्भरता और इसके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के प्रयास के तहत केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप (यूटीएलए) हरित और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में बदलाव कर रहा है।
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल से कहा कि यूटीएलए ने लक्षद्वीप में अक्षय ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने बताया कि एसईसीआई ने पहले ही अगत्ती में 0.3 मेगावाट और कवारत्ती में 1.4 मेगावाट क्षमता वाले सौर संयंत्र चालू कर दिए हैं। इसके अलावा, यूटीएलए आवासीय भवनों में रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय सब्सिडी के अलावा दो किलोवाट तक के लिए 45,000 रुपये प्रति किलोवाट और अतिरिक्त एक किलोवाट आरटीएस प्लांट के लिए 27,000 रुपये तक की अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करता है।
श्री कहा कि यूटीएलए ने 1,637 व्यवहार्य घरों की पहचान की है, जिनमें से 202 आवासीय घरों में पहले से ही 616 किलोवाट की कुल क्षमता वाली छत पर सौर प्रणाली स्थापित की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि एक निश्चित समय-सीमा के भीतर सभी द्वीपों में थोक भंडारण और खुदरा पीओएल आउटलेट स्थापित करने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। मौजूदा समय में कावारत्ती और मिनिकॉय में थोक भंडारण यार्ड और पीओएल केंद्र दोनों हैं। इसके अलावा, एंड्रोथ और कल्पेनी में भी पीओएल केंद्र संचालित हो रहे हैं। एंड्रोथ में थोक भंडारण के लिए भी काम चल रहा है। इसके अलावा, अगत्ती और अमिनी में पीओएल केंद्र के लिए डीलरों को अंतिम रूप दिया गया है और कदमत, किल्टन और चेतलाट में सरकारी जमीन आवंटित की गई है। यूटी प्रशासन के जहाजों थिलक्कम, कोडिथाला, एलिकल्पेनी और गंगा को विभिन्न द्वीपों में पीओएल और एलपीजी सिलेंडरों के परिवहन के लिए समय चार्टर पर आईओसीएल द्वारा ले लिया गया है।