कांग्रेस का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सबूत मांगना शर्मनाक:भाजपा

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सबूत मांगने को शुक्रवार को शर्मनाक करार दिया और उसके नेता जयराम रमेश के उस बयान की कड़ी भर्त्सना की जिसमें उन्होंने आतंकवादियों और भारतीय सांसदों की कथित तुलना की है।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद संबित पात्रा ने यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विपक्ष के रवैये की कठोर आलोचना की। डॉ.पात्रा ने श्री रमेश द्वारा आतंकियों और भारतीय सांसदों की कथित तुलना करने को शर्मनाक बताते हुए कहा कि जो सांसद विदेशों में भारत का पक्ष रखने गए हैं, वे ‘घूमने’ नहीं गए। वे भारत के आत्मबल और आतंकवाद-विरोधी नीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से प्रस्तुत करने गए हैं।
उन्होंने कहा,“ राहुल गांधी, जयराम रमेश और रेवंत रेड्डी जैसे कुछ नेताओं के बयानों ने न केवल भारतीय सेना के मनोबल को चोट पहुंचाने का प्रयास किया, बल्कि बार-बार देश के सामान्य नागरिकों के आत्मविश्वास को भी कमजोर करने की चेष्टा की है।”
उन्होंने कहा कि एक अखबार में अमेरिका के एक प्रसिद्ध सैन्य विश्लेषक जॉन स्पेंसर का एक अत्यंत गंभीर और तथ्यों से परिपूर्ण लेख छपा है। यह लेख केवल एक राय नहीं बल्कि एक ठोस वैश्विक विश्लेषण है जिसमें स्पष्ट रूप से यह बताया गया है कि किस प्रकार भारत की स्वदेशी तकनीक ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली और अन्य रक्षा उपकरण ने आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री स्पेंसर इस लेख में कहते हैं,“ पाकिस्तान ने चीन द्वारा निर्मित जिन हथियारों पर निर्भरता दिखाई, वे पूरी तरह से निष्फल सिद्ध हुए। पाकिस्तान, चीन का एक प्रॉक्सी बनकर लड़ा, लेकिन भारत ने स्वदेशी तकनीक के बल पर यह युद्ध न केवल जीता बल्कि दुनिया को भी यह दिखा दिया कि भारत अब एक आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति है। ”उन्होंने कहा कि यह लेख अकेला नहीं है आज विश्व के विभिन्न देशों में भारत को लेकर एक नयी और सकारात्मक सोच जन्म ले रही है। यह वही ‘न्यू नॉर्मल’ है जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में किया था। भारत अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं, बल्कि परिस्थिति को तय करने वाला राष्ट्र बन गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है और उसमें संकोच नहीं करता। आज पूरे देश में गर्व की भावना है। हर नागरिक भारत की सेना को सलाम कर रहा है। जगह-जगह तिरंगा यात्राएं निकल रही हैं और लोगों के भीतर देशभक्ति की भावना चरम पर है। यह केवल एक सैन्य सफलता नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत, मजबूत नेतृत्व और जन-जन के विश्वास की विजय है। लेकिन यह कहते हुए अत्यंत खेद होता है कि देश में कुछ राजनीतिक दल, विशेषकर कांग्रेस पार्टी, ऐसी स्थिति में भी राजनीति करने से नहीं चूकी। प्रारंभ में तो उसने(कांग्रेस) कहा कि वह सरकार के साथ है, देश के साथ खड़ी है लेकिन सच्चाई यह है कि वह एक दिन के लिए भी न सरकार के साथ थी, न देश के साथ, और न ही भारत की सेना के साथ।
डाॅ. पात्रा ने कहा,“ प्रथम दिन से ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व राहुल गांधी, जयराम रमेश, रॉबर्ट वाड्रा और उनके अन्य सहयोगियों ने भारत की सेना, उसके शौर्य और पराक्रम पर सवाल खड़े किए। यह तथाकथित ‘सबूत गैंग’ भारत की इस निर्णायक कार्रवाई से प्रसन्न नहीं है। जब भारत आतंकवादियों पर कठोर प्रहार करता है, तब यही गैंग प्रमाण मांगने लगता है। कल जो हुआ, वह न केवल दुखद था बल्कि अचंभित करने वाला भी। श्री जयराम रमेश जो गांधी परिवार के अत्यंत करीबी माने जाते हैं उन्होंने ऐसा बयान दिया जिसमें उन्होंने एक ही सांस में आतंकवादियों और सांसदों को एक समान खड़ा कर दिया। जयराम रमेश ने कहा कि ‘वहां आतंकवादी घूम रहे हैं और इधर सांसद घूम रहे हैं।’ यह तुलना न केवल हास्यास्पद है बल्कि शर्मनाक भी है। जो सांसद विदेशों में भारत का पक्ष रखने गए हैं, वे ‘घूमने’ नहीं गए। वे भारत की आवाज को, भारत के आत्मविश्वास और आतंकवाद-विरोधी नीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से प्रस्तुत करने गए हैं और उन दलों के भी सांसद हैं, जो आज यह आरोप लगा रहे हैं। वे भी उसी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, और गर्व के साथ भारत की बात रख रहे हैं।”
उन्होंने कहा,“ कांग्रेस पार्टी का यह रवैया नया नहीं है, वे दिन भी इस देश ने देखे हैं जब आतंकवादियों को प्रधानमंत्री कार्यालय बुलाया जाता था। सोनिया गांधी के निर्देश पर आतंकवादियों का स्वागत-सत्कार किया जाता था, उन्हें सम्मानित किया जाता था, उनके लिए उपहार भेजे जाते थे। यह भी भूलना नहीं चाहिए कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर में एक कुख्यात आतंकवादी मारा गया था तब सोनिया गांधी जी की आखों में आंसू थे। वो इस कदर भावुक हो गई थीं कि उन्हें अपने आंसू रोकना मुश्किल हो गया था और 26/11 मुंबई आतंकी हमले के ठीक बाद, जब पूरा देश शोक और क्रोध में डूबा था, तब राहुल गांधी पार्टी कर रहे थे, यह तथ्य आज भी जनता के मन में जीवित है।”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा,“ आज ये लोग कह रहे हैं कि ‘आतंकवादी घूम रहे हैं और सांसद घूम रहे हैं।’ राहुल गांधी, रेवंत रेड्डी और जयराम रमेश जैसे कांग्रेस नेता सवाल पूछते हैं ‘बताइए, कितने जहाज गिराए?’ क्या यह सवाल पूछने लायक है? क्या उन्हें यह समझ नहीं आता कि यह सुरक्षा से जुड़ा मसला है? भारत की सेना ने, आतंकवादियों के नौ अड्डों को पूरी तरह ध्वस्त किया। सैटेलाइट इमेज जारी किए गए। डीजीएमओ ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबूतों के साथ बताया कि किस तरह इन अड्डों को नेस्तनाबूद किया गया। ‘पहले और अब’ की तस्वीरें दिखाई गईं कहां पर बम गिरा, कहां पर एयरबेस तबाह हुए, कहां पाकिस्तानी फाइटर जेट्स नष्ट हुए, कहां उनके रिफ्यूलिंग सेंटर खत्म हुए, किस हवाई पट्टी को मारा गया सब दिखाया गया। अगर कोई लड़ाकू विमान गिरता है तो उसका मलबा होता है, सैटेलाइट तस्वीरें होती हैं, अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक उस पर टिप्पणी करते हैं। पूरी दुनिया की निगाह होती है उस पर। परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। अब तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि ‘नौ और 10 मई’ की रात को उन्होंने भारतीय सेना को जवाब देने का निर्णय लिया था, लेकिन उससे पहले ही भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया। उन्होंने खुद स्वीकारा किया है कि भारत की सेना ने पहले ही कार्रवाई कर दी थी। यह वही शहबाज शरीफ हैं, जिनसे राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं के अच्छे रिश्ते हैं। अब राहुल जी बताएं जब आपके ही मित्र और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि भारत ने हमला किया, तो आप भारत से सबूत क्यों मांग रहे हैं? क्यों सवाल कर रहे हैं?”
डॉ. पात्रा ने कहा,“ राहुल गांधी और उनके सहयोगी पहले दिन से ही ऐसे बयान दे रहे हैं जो पाकिस्तान की भाषा लगते हैं। एक तरफ कहते हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए, पाकिस्तान से संवाद होना चाहिए। दूसरी तरफ कहते हैं कि वे भारत सरकार के साथ खड़े हैं। जब भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ी, तब कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह ‘मानवीय विषय’ है, पाकिस्तान का पानी नहीं रोकना चाहिए। क्या भारत के जवानों की जान ‘मानवीय विषय’ नहीं है? सिद्दारमैया जैसे नेता कहते हैं ‘युद्ध ठीक नहीं है, हमें युद्ध नहीं करना चाहिए।’ राहुल गांधी, जयराम रमेश और रेवंत रेड्डी पूछते हैं ‘कितने राफेल गिराए’ सेना कोई स्कोर कार्ड नहीं बनाती, वह दुश्मन को जवाब देती है लेकिन कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही सेना से नहीं, देश से नहीं, केवल राजनीति से जुड़ी रही है। ये जो पाकिस्तान के बब्बर हैं, वो हिंदुस्तान के गब्बर बन गए हैं। हिंदुस्तान के इन गब्बरों की वही दशा होगी जो जय और वीरू ने असली गब्बर का किया था। भारत का जय और भारत की वीरता के कारण गब्बर की हार सुनिश्चित हुई थी, और आज भी यही होगा। कभी राहुल गांधी ने यह नहीं पूछा कि कितने आतंकवादी मारे गए? कितने आतंकी ठिकाने नष्ट हुए? कितने पाकिस्तानी एयरबेस ध्वस्त हुए? मगर हर बार यही पूछा कि भारत के कितने जहाज गिरे।”
उन्होंने कहा,“कल श्री जयराम रमेश की प्रेस वार्ता में कम से कम यह तो स्वीकार किया गया कि भारत की अर्थव्यवस्था 10 गुना बढ़ चुकी है। उस पूरी प्रेस वार्ता में यह एकमात्र सत्य था। श्री राहुल गांधी एक और सवाल का जवाब दें, क्या कांग्रेस दो भागों में बंट चुकी है? एक वह कांग्रेस जो पाकिस्तान का समर्थन कर रही है और दूसरी वह जिसमें कुछ गिने-चुने देशभक्त नेता हैं, जो राहुल गांधी के भय से अपनी आवाज नहीं उठा पा रहे। राहुल गांधी की जय हिंद यात्रा, जय हिंद से अधिक जय पाकिस्तान यात्रा लग रही है। अगर यही जारी रहा, तो कांग्रेस पार्टी जय हिंद यात्रा बंद कर दे और पाकिस्तान के साथ मिलकर एक संयुक्त प्रेस वार्ता कर ले। यही कांग्रेस की सच्ची मानसिकता है।”
डॉ. पात्रा ने कहा,“ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल जो कहा है, वह अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने पूछा ‘क्या प्रधानमंत्री श्री मोदी सभी महिलाओं के पति हैं?’ इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, क्योंकि यह बयान खुद में ही शर्मनाक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी सबके सेवक हैं किसी के पिता तुल्य हैं, किसी के भाई हैं। इसमें भी कोई संदेह नहीं कि घुसपैठियों, रोहिंग्याओं और बंगलादेशी घुसपैठियों को शरण देने का सबसे बड़ा काम अगर किसी ने किया है तो वह ममता बनर्जी ने किया है। उन सभी घुसपैठियों की चहेती अगर कोई नेता हैं, तो वह ममता ही हैं।”