2030 तक पर्यटन क्षेत्र देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत का योगदान देगा : केंद्रीय मंत्री

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में 10 प्रतिशत योगदान टूरिज्म सेक्टर का होता है और मुझे यकीन है कि ग्लोबल पैरामीटर के तहत 2030 तक हमारा पर्यटन क्षेत्र भी देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत का योगदान देगा। हम इस विजन पर तेजी से काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई ‘एनुअल बिजनेस समिट 2025’ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में कोरोना संकट के बाद से घरेलू पर्यटन को लेकर जबरदस्त तेजी देखी गई है। उन्होंने कहा, “भारत के टूरिज्म सेक्टर को प्रमोट करने और वैश्विक स्तर पर देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन पहली जरूरत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सड़कें, एक्सप्रेसवे और डेढ़ लाख किलोमीटर के हाइवे बने, नया मॉडर्न रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ। नए एयरपोर्ट्स बने।”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, अभी भी बहुत से काम किए जाने बाकी हैं। फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। भविष्य में 3,000 एयरक्राफ्ट्स आने वाले हैं। एयरक्राफ्ट्स की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदल रहा है।”
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा, “जिस तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था का विकास हो रहा है, उतनी ही तेजी से देश का पर्यटन क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से निकलकर मध्यमवर्ग में आए। इन लोगों के मध्यम वर्ग में आने के साथ ही टूरिस्ट की संख्या बढ़ी। ऐसा इसलिए क्योंकि एक मध्यम वर्ग का आदमी घर से बाहर निकलने के बाद धार्मिक यात्रा पर अपना कुछ पैसा जरूर खर्च करता है। स्प्रिचुअल टूरिज्म तेजी से बढ़ा और इसका प्रभाव हमें सीधे दिखने लगा।” उन्होंने उज्जैन में श्री महाकाल मंदिर के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, “2014 से पहले साल भर में 10 लाख लोग इस मंदिर में पहुंचते थे, वहीं अब केवल एक सप्ताह में 10 लाख लोग इस स्थान पर जा रहे हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यह केवल महाकाल का कॉरिडोर बनने से बढ़ी संख्या नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों के गरीबी से निकलने को दिखाता है।” केंद्रीय मंत्री शेखावत ने टूरिज्म सेक्टर के विकास के लिए प्रसाद और स्वदेश दर्शन योजना को अहम बताया। उन्होंने कहा, “टूरिज्म और स्प्रिचुअल टूरिजम दो वर्टिकल्स को अलग कर प्रसाद और स्वदेश दर्शन योजना को लाया गया। सर्वे बताते हैं कि इन दो योजनाओं के तहत स्थलों पर यात्रियों का अनुभव बेहतर हुआ है।”

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