कुछ भी खाने की आदत कर सकती गंभीर बीमार, छात्रा के पेट से निकला 210 सेंटीमीटर लंबा ट्राइको बेजोआर

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: यदि आपके बच्चे भी मिट्टी, चॉक, धागे और लकड़ी के टुकड़े चबाने या खाते हैं तो जरा सावधान हो जाएं। जयपुर में एक 10वीं की छात्रा के पेट से डॉक्टरों ने 210 सेंटीमीटर लंबा ट्राइको बेजोआर (पेट में फंसा बालों का गोला) निकाला है। छात्रा को पेट में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। जब छात्रा की जांच हुई तो परिणाम चौंकाने वाले थे। जिसके बाद डॉक्टरों ने छात्रा की सर्जरी करने का निर्णय लिया।

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में यह चौंकाने वाला मामला पहुंचा था। छात्रा को पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत थी। परिवार वालों ने छात्रा का कई जगह इलाज करवाया था। इलाज से कुछ दिन तक आराम मिल जाता था, लेकिन फिर से परेशानी शुरू हो जाती थी। छात्रा के परिवार वालों के किसी परिचित ने सवाई मानसिंह अस्पताल में दिखाने के लिए कहा था। अस्पताल पहुंचने पर जब छात्रा की जांच की गई तो उसके परिणामों ने डॉक्टरों को भी चौंका दिया। छात्रा के पेट में एक गांठ थी जो नाभी के चारो ओर फैली हुई थी। छात्रा आगरा के एक किसान परिवार के संबंध रखती है। गांठ का पता चलने के बाद छात्रा की कई और जांच करवाई गईं। जिसके बाद सर्जरी का निर्णय लिया गया।

दो घंटे चला ऑपरेशन
छात्रा की सीई सीटी (कंट्रास्ट एन्हांस्ड सीटी स्कैन) में यह पता चला कि पेट फूला हुआ है और उसके अंदर कुछ असामान्य वस्तु मौजूद है। जिसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत लैपरोटोमी सर्जरी का निर्णय लिया। छात्रा का ऑपरेशन करीब 2 घंटे चला। ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें छात्रा को खून चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी। ऑपरेशन के दौरान ही डॉक्टर हैरान रह गए थे। गैस्ट्रोस्टॉमी के दौरान डॉक्टरों ने देखा कि छात्रा के पेट में ट्राइको बेजोआर सिर्फ पेट तक सीमित नहीं था, बल्कि छोटी आंत तक फैला हुआ था। सर्जरी के दौरान इसे एक ही टुकड़े में बाहर निकालना एक बड़ी चुनौती थी। यह टूट जाता, तो इसे निकालने के लिए आंतों में कई चीरे लगाने पड़ सकते थे। दो घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने इसे बाहर निकलाने में सफलता हासिल की।

ऑपरेशन करने वाली टीम
छात्रा कीसर्जरी में डॉ।कांकरिया की टीम में डॉ। राजेन्द्र बुगालिया, डॉ। देवेंद्र सैनी, डॉ। अमित, और डॉ। सुनील चौहान अपनी एनेस्थीसिया टीम के साथ मौजूद रहे। ऑपरेशन में सहायक स्टाफ शायर और जुगन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिलहाल छात्रा कीहालत स्थिर है और उसकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है।

इसलिए हुई समस्या
छात्रा का ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉक्टर जीवन कांकरिया के अनुसार छात्रा एक मानसिक समस्या से ग्रस्त है। इस समस्या में व्यक्ति खाने योग्य न होने वाली चीजें खाने लगता है। बच्चों में यह समस्या सामान्य तौर पर देखी जाती है। बच्चे मिट्टी या चॉक आदि खाते हैं। लेकिन, छात्रा मिट्टी और चॉक के साथ ही धागे और लकड़ी के टुकड़े भी चबाती थी। यह टुकड़े उसके पेट में जमा हो रहे थे। धीरे-धीरे धागे, बाल और अन्य चीजों ने एक गांठ का रूप ले लिया। जिसके बाद छात्रा का पेट फूलना शुरु हो गया और पेट में दर्ज होने के साथ उल्टी की समस्या शुरु हो गई थी।

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