गंगा दशहरा, इस काम से ज्ञात-अज्ञात सभी पितरों का होगा उद्धार, प्रेत योनि से मिलेगी मुक्ति!

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धर्म { गहरी खोज } : गंगा दशहरा का पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाता है क्योंकि इस तिथि को ही पृथ्वी पर गंगा का अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा को गंगा अवतरण दिवस भी कहते हैं। राजा भगीरथ के अथक प्रयास से गंगा धरती पर आईं और उनके 60 हजार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया था, जिसकी वजह से वे मोक्षदायिनी कहलाईं। इस साल गंगा दशहरा 5 जून शुक्रवार को है। उस दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। जिन लोगों को अपने पितरों का उद्धार करना है, चाहे वे ज्ञात हैं या अज्ञात हैं तो यह एक अच्छा अवसर है। गंगा दशहरा पर आप आसान उपाय करके अपने पितरों को मुक्ति दिला सकते हैं।

गंगा दशहरा पर मिट जाएंगे सारे पाप
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, गंगा दशहरा को किसी भी तीर्थ स्थल पर गंगा स्नान करने और दान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति हो जाती है। जो लोग गंगा में स्नान नहीं कर सकते हैं, वे लोग घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें और मां गंगा के आशीर्वाद से वंचित न रहें। गंगा की उत्पत्ति ही लोगों को मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने के लिए हुआ।

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