सामाजिक न्याय के मुद्दे पर केवल घडियाली आंसू हैं राहुल गाँधी की बातें: धर्मेन्द्र प्रधान

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: केन्द्रीय शिक्षा मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद एवं लोक सभा में विपक्ष के नेता राजीव गांधी पर सामाजिक न्याय के मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय की मुखर विरोधी रही है।
श्री प्रधान ने यहां शिक्षा क्षेत्र के बारे में टीवी चैनल एनडीटीवी द्वारा आयोजित सम्मेलन के एक सत्र में जनगणना में जातिगत सूचनायें शामिल करने के सरकार के निर्णय और उसके राजनीतिक निहितार्थ पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि इस मामले में श्री गाँधी जो कुछ बोल रहे हैं, उसमें उनकी अज्ञानता और अहमन्यता झलकती है।
कांग्रेस पिछले कुछ समय से जातीय जनगणना को राजनीतिक मुद्दा बना कर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही थी।
उन्होंने कहा कि श्री गांधी ऐसी पार्टी के है, जो ऐतिहासिक रूप से सामाजिक न्याय के विरुद्ध रही है। उन्होंने कहा, “ कुछ लोगों के लिए घड़ियाली आंसू बहाना एक राजनीतिक चाल होती है। उन लोगों के बयान उनकी अज्ञानता और अहमन्यता को दर्शाते हैं। इस देश में सार्वजनिक तौर पर एक परिवार जो सामाजिक न्याय के विरोध में खड़ा रहा है, वह गाँधी परिवार है। ”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान के निर्माता बाबा साहेब डाॅ भीमराव अंबेडकर को चुनावों में हरवाया, संविधान सभा में सक्रिय और सकारात्मक कार्रवाई का विरोध किया तथा काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग की रिपोर्टों को लंबे समय तक सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया।
श्री प्रधान ने कहा, “ ये सामंती लोग सोचते हैं कि वे ही देश हैं, लेकिन लोगों ने उन्हें चुनावों में बार-बार हराकर इस भ्रम को तोड़ दिया है। लेकिन सामन्ती सोच धीरे धीरे खत्म होती है।”
श्री प्रधान ने बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 एक दूरदर्शी रूपरेखा के रूप में उभरी है, जो देश में शिक्षा के भविष्य को आकार दे रही है। पांच से 23 वर्ष की आयु के लगभग 30 करोड़ छात्रों के साथ, भारत के शिक्षा सुधार बहुत महत्वपूर्ण हैं। एनईपी का उद्देश्य पारंपरिक मूल्यों को भविष्य के लक्ष्यों के साथ मिलाना है, जिसके मूल में प्रौद्योगिकी है।