पराग्वे के राष्ट्रपति भारत आएंगे

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस अगले सप्ताह तीन दिन की राजकीय यात्रा पर भारत आएंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस 02 से 04 जून तक भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे। उनके साथ मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा। राष्ट्रपति पेना पालासिओस 04 जून को पराग्वे लौटने से पहले मुंबई का भी दौरा करेंगे।
राष्ट्रपति पेना पालासिओस की पहली भारत यात्रा होगी और पराग्वे के किसी राष्ट्रपति की यह दूसरी यात्रा होगी। यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति पेना 02 जून को भारत के प्रधानमंत्री के साथ वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करेंगे। प्रधानमंत्री अतिथि गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पेना पालासिओस से मिलने और उनके सम्मान में भोज आयोजित करने की उम्मीद है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के पराग्वे के राष्ट्रपति से मुलाकात करने की उम्मीद है।
भारत और पैराग्वे ने 13 सितंबर 1961 को राजनयिक संबंध स्थापित किए, जिससे दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित हुए। तब से दोनों देशों ने व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विकसित किया है। पराग्वे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र की कई भारतीय कंपनियों की उपस्थिति पराग्वे में है और कुछ पराग्वे की कंपनियां, मुख्य रूप से संयुक्त उद्यम संस्थाओं के माध्यम से, भारत में मौजूद हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में योगदान मिलता है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद का मुकाबला करने सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं।
मुंबई में, राष्ट्रपति पेना पालासिओस राज्य के राजनीतिक नेतृत्व, व्यापार और उद्योग प्रतिनिधियों, स्टार्टअप, इनोवेटर्स और तकनीकी नेताओं से मिलेंगे। राष्ट्रपति पेना पालासिओस की आगामी राजकीय यात्रा नेताओं को द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करने के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।

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