देश में 2024-25 में 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उत्पादों का विनिर्माण

0
2025_5$largeimg26_May_2025_211334133

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: देश में रक्षा उत्पादों का उत्पादन 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है, जिसमें लगभग 78 प्रतिशत योगदान सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों द्वारा किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सोमवार को राजधानी में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की एक समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी। श्री सिंह ने इस बैठक में आठ रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) के मुख्य प्रबंध निदेशकों (सीएमडी) के साथ इन उपक्रमों के काम-काज की समीक्षा की।
बैठक में रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार भी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्रलाय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक श्री सिंह ने ‘आपरेशन सिंदूर’ में इन उपक्रमों में तैयार शस्त्र-प्रणालियों और प्रौद्योगिकी के कार्य-प्रदेशन के लिए इन रक्षा उपक्रमों सहित पूरे रक्षा उद्योग की भूमिका की सराहना की। उन्होंने बैठक में इस बार पर बल दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने और डीपीएसयू की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
रक्षा मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में उत्तरोत्तर अधिक मूल्य का उत्पादन किया जाने के लिए उनकी सराहना की। साथ ही उन्हें हथियारों की समय पर डिलीवरी पर ध्यान बढ़ाने को प्रेरित किया। उन्होंने निर्यात बढ़ाने में डीपीएसयू की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें अपने उत्पादों के बेहतर विपणन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।
श्री सिंह ने वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य और हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए रक्षा उपक्रमों को आधुनिक युद्ध के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास पर अधिक ध्यान देने के साथ नवीनतम तकनीकों पर अपने उत्पादन को बढ़ाने का निर्देश दिया।
बैठक में सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार ने डीपीएसयू के विकास के आंकड़े प्रस्तुत किए और उनके अच्छे निष्पादन पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले वित्त वर्ष में देश में 1.40 करोड़ रुपये के रक्षा साजो-सामान का उत्पादन होने का अनुमान है, जिसमें रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान 78 प्रतिशत रहा।
रक्षा मंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को महारत्न का दर्जा मिलने पर और मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) को नवरत्न का दर्जा मिलने पर बधाई दी।
बैठक में इन आठ उपक्रमों – एचएएल, एमडीएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि), गार्डन रीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और बीईएमएल लिमिटेड के सीएमडी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को उसके हिस्से के कुल 2,138 करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश के चेक प्रस्तुत किये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *