मास्क की वापसी-ऑफिस में एडवाइजरी…लौटा कोरोना, केस और मौतें बढ़ा रहीं चिंता?

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: मास्क की वापसी हो रही है और अस्पतालों से लेकर दफ्तरों तक में कोविड को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण ऐसा हो रहा है। देश में दिल्ली, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में वायरस के मामलों में अचानक से तेजी आई है। इससे लोगों में फिर से कोविड को लेकर डर बन गया है। कुछनिजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बरतने की सलाह दी है। वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह सब किया जा रहा है।
आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में कोविड के सक्रिय केस मरीजों का आंकड़ा 1 हजार के पार चला गया है। कई राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। कोविड के मामले बढ़ने के बाद अब लोगों में चिंता है। सवाल वही है कि क्या इस बार कोरोना फिर से एक बड़ा खतरा बन रहा है? इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं।
इस बार कितना खतरनाक है कोरोना?
दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ सुभाष गिरी TV9 से बातचीत में बताते हैं कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस मौसम में फ्लू के केस सामने आते हैं। फ्लू के लक्षण वाले जिन लोगों की कोविड जांच की जा रही है उनमें कुछ लोग कोविड पॉजिटिव मिल रहे हैं। इस वजह से केस बढ़ रहे हैं। मामले बढ़ने का एक दूसरा कारण यह भी है कि कोरोना ने खुद में कुछ बदलाव किया है और अब इसके दो नए सब वेरिएंट JN.1 और NB.1.8.1 सामने आए हैं। लोग इनसे संक्रमित हो रहे हैं और उनमें कोविड के लक्षण दिख रहे हैं।
डॉ सुभाष कहते हैं कि कोविड के मामलों में इजाफा भले ही हो रहा है, लेकिन अब ये वायरस पहले जितना खतरनाक नहीं है। इसके लक्षण सामान्य खांसी, जुकाम जैसे हैं, लेकिन लापरवाही से बचना ज़रूरी है। फिलहाल ये जरूरी है कि भीड़भाड़ के इलाकों में मास्क लगाएं, लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं और अगर घर में कोई बुजुर्ग या बच्चा है तो इसका विशेष ध्यान रखें।
कोविड से मौतें भी बढ़ रही है, इस बार कितना खतरा है?
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि अस्पतालों में कई ऐसे मरीज होते हैं जो गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं। कुछ मरीज वो होते हैं जिनकी स्थिति गंभीर होती है। कुछ मामलों में ये मरीज कोविड पॉजिटिव भी हो जाते हैं। ऐसे में अगर इनकी मौत बीमारी से होती है तो भी गिनती कोविड मौत में मानी जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि इनकी डेथ कोरोना से हुई है। मौत का कारण पुरानी बीमारी होती है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन फिलहाल जरूरी है कि कोरोना के नए वेरिएंट्स पर नजर रखें और इसके लक्षणों पर भी। अगर लक्षण हल्के ही हैं तो कोरोना से कोई खतरा नहीं होगा।
बचाव कैसे करें
डॉ सुभाष कहते हैं कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है। ये लोग मास्क लगाकर बाहर जाएं और भीड़ वाले इलाकों से बचे। अगर घर में किसी को फ्लू के लक्षण हैं तो उसके संपर्क में न आएं। कोविड के लक्षण दिखने पर जांच जरूर कराएं।