संघर्ष से सफलता की उड़ान: लालसोट के गणेश सैनी ने 98.80% अंकों के साथ जिले में मारी बाज़ी

दौसा { गहरी खोज } : “प्रतिभा सुविधाओं की मोहताज नहीं होती”—इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है लालसोट के छोटे से गांव रूपपुरा वालों की ढाणी निवासी गणेश सैनी ने। आर्थिक तंगहाली, पारिवारिक चुनौतियों और अभावों के बीच पढ़ाई के प्रति जुनून ने उसे जिले का टॉपर बना दिया। विज्ञान वर्ग के इस छात्र ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 98.80 प्रतिशत अंक हासिल कर पूरे दौसा जिले में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।
गणेश सैनी की उपलब्धि न केवल उसके परिवार के लिए, बल्कि पूरे सैनी समाज के लिए गर्व की बात है। सैनी समाज कर्मचारी अधिकारी विकास संस्था के अध्यक्ष व प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद सैनी के अनुसार, गणेश ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते हैं। गणेश ने संजय बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लालसोट में अध्ययन करते हुए जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों में 100 में 100 अंक अर्जित किए।
गणेश का जीवन आसान नहीं रहा। उसके पिता प्रभुलाल सैनी मजदूरी करके चार बच्चों का पेट पालते हैं। मां का 2019 में निधन हो गया था। ऐसे में गणेश को न सिर्फ भावनात्मक मजबूती रखनी पड़ी, बल्कि आर्थिक अभावों के बीच पढ़ाई जारी रखना भी एक बड़ी चुनौती थी। खटवा निवासी व्याख्याता रमेश चंद सैनी बताते हैं कि गणेश बेहद साधनहीन परिस्थिति से है, लेकिन उसका दृढ़ आत्मविश्वास और परिश्रम ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है।
गणेश ने बताया कि वह रोज़ाना 10 से 11 घंटे नियमित पढ़ाई करता है और अपनी बड़ी बहिन के मार्गदर्शन में उसने सफलता की इस ऊंचाई को छुआ है। अब उसका सपना डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने का है, जिसके लिए वह NEET परीक्षा की तैयारी कर रहा है। लेकिन परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति उसके इस सफर में बाधा बन रही है।
गणेश की प्रतिभा को पहचानते हुए सैनी समाज अब उसके साथ खड़ा हो गया है। संस्था के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद सैनी ने बताया कि भामाशाहों से संपर्क कर आर्थिक सहयोग जुटाया जा रहा है। कई समाजसेवियों ने NEET की कोचिंग और तैयारी में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
गणेश के पिता प्रभुलाल ने सरकार और समाज के भामाशाहों से अपील की है कि वे गणेश की प्रतिभा को न रुकने दें और उसकी आगे की पढ़ाई में सहयोग करें। यह सहयोग न केवल गणेश के लिए, बल्कि उन हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो कठिन हालातों के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।