ममता नीति आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में नहीं होंगी शामिल

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कोलकाता{ गहरी खोज }: राष्ट्रीय राजधानी में नीति आयोग की बैठक में माइक्रोफोन विवाद के करीब एक साल बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कर्नाटक के सिद्दारमैया ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बैठक में शामिल न होने के फैसले के लिए हालांकि कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि पिछले साल नीति आयोग की बैठक में उनका कड़वा अनुभव इस महत्वपूर्ण बैठक में उनकी अनुपस्थिति का एक प्रमुख कारण हो सकता है। पिछले साल 24 जुलाई को नीति आयोग की पिछली बैठक में सुश्री बनर्जी का बैठक के बीच में ही उठकर चले जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके भाषण के दौरान उनका माइक्रोफोन म्यूट कर दिया गया था, जिससे वे पांच मिनट से अधिक नहीं बोल पाईं।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने आयोजकों पर उनके साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें बोलने के लिए केवल पाँच मिनट दिए गए, जबकि उनसे पहले बोलने वाले अन्य लोगों को अपनी बात रखने के लिए 10 से 20 मिनट का समय दिया गया।
केंद्र सरकार ने हालांकि प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के तथ्य-जांच हैंडल के माध्यम से उनके आरोपों को खारिज कर दिया। उस समय पीआईबी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि सुश्री बनर्जी को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था और यहाँ तक कि घंटी भी नहीं बजाई गई थी, जो आमतौर पर वक्ता के समय के समाप्त होने का संकेत देती है।
नीति आयोग की उस बैठक में भाग लेने वाली सुश्री बनर्जी गैर-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (गैर-एनडीए) शासित राज्य की एकमात्र मुख्यमंत्री थीं।

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