ऑपरेशन सिंदूर और भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का मैसेज लेकर भारत का डेलीगेशन पहुंचा यूएई, पाक को दिया मुंहतोड़ जवाब

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: आतंकवाद को लेकर भारत की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत की तरफ से सात लोगों की ऑल पार्टी डेलीगेशन इस महीने के अंत तक भेजा जाना था। इनमें से श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और ऑपरेशन सिंदूर के लिए यूएई के अबू धाबी पहुंचे हैं। उन्होंने यूएई के मुख्य अधिकारियों से बातचीत की है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ सार्थक बैठक करके भारत के साथ यूएई की प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। यूएई ने आतंकवाद को मानवता के लिए खतरा बताया है। साथ ही भारत के साथ मिलकर काम करने का संकल्प भी लिया है।
मीडिया से बातचीत करते वक्त श्रीकांत शिंदे ने जरूरी जानकारियां साझा की हैं। श्रीकांत शिंदे ने बताया कि, हमने यूएई के अधिकारियों के साथ सार्थक बैठक की है। हमने रक्षा समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी से मुलाकात की थी।
हमने यूएई के समकक्षों के साथ बहुत ही सार्थक बैठक की। हमने रक्षा समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी से मुलाकात की। हमने सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान से भी मुलाकात की। मुझे लगता है कि यूएई आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। यूएई की तरफ से दिया गया स्पष्ट संदेश था – हम भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं, आतंकवाद से लड़ रहे हैं। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश है। यूएई में जो शांति और समृद्धि है, मुझे लगता है कि यूएई में रहने वाले लोगों की संख्या, भारतीयों की संख्या जो सुरक्षित महसूस करते हैं और जिस तरह से यूएई आगे बढ़ रहा है, मुझे लगता है कि यूएई जैसे देश का इस कठिन समय में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘यूएई के समकक्षों से संदेश बहुत स्पष्ट रहा है कि हम इस आतंकवाद के खिलाफ आपके साथ हैं और संदेश दिया गया कि किसी भी धर्म के नाम पर आतंकवाद नहीं पनप सकता। दोनों मंत्रियों की ओर से जो कहा गया वह बहुत स्पष्ट था। मुझे लगता है कि यह दोनों देशों और पड़ोस के देशों की प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आतंकवाद केवल भारत से संबंधित नहीं है, यह संदेश दिया गया कि यह केवल भारत पर हमला नहीं है बल्कि मानवता पर हमला है। मुझे लगता है कि इन सभी का बहुत महत्व है। यूएई भारत पर हमले की निंदा करने वाला पहला देश है।’