विकसित भारत के लिए सुरक्षित सीमाएं आवश्यक: धनखड़

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राष्ट्रवाद के प्रति अडिग प्रतिबद्धता और निरंतर तैयारी की आवश्यकता पर बल देेते हुए बुधवार को कहा कि ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए सीमाओं पर शांति की आवश्यकता है।
श्री धनखड़ ने गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर आयोजित एक समारोह को आज संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध जैसी स्थितियों में आर्थिक विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा,“ हमारा लक्ष्य वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र, विकसित भारत बनना है। इसके लिए प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि की आवश्यकता है। इसके लिए हमारी सीमाओं पर शांति की आवश्यकता है। यदि युद्ध जैसी परिस्थितियां हैं तो आर्थिक विकास नहीं हो सकता। शांति विकास और प्रगति का मूल है। शांति शक्ति से आती है। राष्ट्रीय सुरक्षा राष्ट्रवाद और अथक तैयारी के प्रति अडिग प्रतिबद्धता की मांग करती है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के क्रियान्वयन की प्रशंसा करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि जब भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकवादी दुस्साहस का जवाब दिया तो मुरीदके, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को कितने सटीक तरीके से निशाना बनाया। इसने वैश्विक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि केवल आतंकवादियों को निशाना बनाने की नीति को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा से परे, क्षेत्र में अंदर जाकर हमला किया गया। उन्होंने कहा,“कोई भी सबूत नहीं मांग रहा है क्योंकि लक्षित आतंकवादी ने पूरे विश्व बिरादरी के सामने सबूत पेश कर दिया है क्योंकि ताबूतों को उस देश की सैन्य शक्ति, उस देश की राजनीतिक शक्ति और आतंकवादियों द्वारा ले जाया गया था। ”
उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती भू-राजनीति में वैश्विक व्यापार, रणनीतिक रुकावटें, साइबर खतरे और अंतरराष्ट्रीय अपराध एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। समुद्र में नियम-आधारित व्यवस्था लागू करना बहुत चुनौतीपूर्ण है। समुद्र में नियम-आधारित व्यवस्था कायम रहना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री सुरक्षा लचीली, सक्रिय और भविष्य के लिए तैयार होनी चाहिए।
गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर तीन मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र, दो हार्बर मोबाइल क्रेन के वाणिज्यिक संचालन और कोयला हैंडलिंग के लिए ‘कवर्ड डोम’ का उद्घाटन और लोकार्पण करने के बाद श्री धनखड़ ने राष्ट्र के लिए महासागरों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा भारत आज वैश्विक आर्थिक शक्ति और समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो शांति, स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम पहले से ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और भारत -प्रशांत क्षेत्र में अपने आप में एक नेता के रूप में उभर रहा है।”
उप राष्ट्रपति ने कहा कि महासागर पहले से कहीं अधिक मायने रखते हैं। ये वास्तव में अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और व्यापार को बनाए रखने के लिए हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस अवसर पर गोवा के पी.एस. श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, मंत्रालय के सचिव टी.के. रामचंद्रन,भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारी, बंदरगाह प्राधिकरण और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।