भारत ने जतायी वैश्विक स्वास्थ्य के लिये प्रतिबद्धता

0
2025_5$largeimg21_May_2025_171024750

नयी दिल्ली { गहरी खोज }: भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये कहा है कि विश्व में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढ़ांचा मजबूत किया जाना चाहिए और चिकित्सा सुविधाओं तक सभी की समान पहुंच होनी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बुधवार को 78 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ट्रैकोमा-मुक्त के रूप में प्रमाणित किया है और देश टीबी, कुष्ठ रोग, लिम्फैटिक फाइलेरियासिस, खसरा, रूबेला और कालाजार जैसी बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रीमती श्रीवास्तव जिनेवा में हो रही विश्व स्वास्थ्य सभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि भारत ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य के स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए पिछले दशक में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़ाकर 780 कर दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक कानूनी और बाध्यकारी ढांचे के लिए भारत के मजबूत समर्थन को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षमताओं का सम्मान करते हुए वैश्विक सहयोग को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि महामारी समझौते को चिकित्सा उपायों, समय पर और पारदर्शी डेटा और रोगज़नक़ साझाकरण तक समान पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए।
श्रीमती श्रीवास्तव “स्वास्थ्य के लिए एक विश्व” विषय वस्तु के अनुसार वैश्विक स्वास्थ्य समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी और कहा कि विशेष रूप से दक्षिण विश्व -ग्लोबल साउथ के लिए प्रौद्योगिकी साझाकरण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के महत्व पर जोर देते हुए सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई कि कोई भी पीछे न छूटे।
समावेशी और सार्वभौमिक स्वास्थ्य के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर श्रीमती श्रीवास्तव ने आयुष्मान भारत जैसे परिवर्तनकारी कदमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने व्यापक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच का विस्तार किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मातृ स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, बाल मृत्यु दर और मृत जन्मों में कमी लाने के भारत के प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष और संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी समूह सहित वैश्विक निकायों ने मान्यता दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *