50 हत्याएं, शव मगरमच्छों को खिलाने वाला डॉक्टर डेथ दौसा में संत के रूप में गिरफ्तार

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दौसा{ गहरी खोज }: जिसे लोग श्रद्धा से ‘गुरुदेव’ मान रहे थे, वह दरअसल मौत का सौदागर निकला। दिल्ली से लेकर हरियाणा और राजस्थान तक 50 से ज्यादा लोगों का कातिल, शातिर सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ आखिरकार रामेश्वरधाम आश्रम, गुढा कटला से दिल्ली क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया।
दिल्ली पुलिस की टीम रविवार को जब आश्रम में घुसी, तो वह मंच पर बैठा प्रवचन दे रहा था-शांति, भक्ति और धर्म की बातें कर रहा था। किसी को अंदाजा नहीं था कि यह संत वेश में बैठा शख्स एक खूंखार हत्यारा है, जिसकी कहानी सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अगस्त 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया देवेंद्र शर्मा तब से फरार था। सजा भुगत रहा था-7 मामलों में उम्रकैद, एक केस में फांसी। लेकिन बाहर आते ही धर्म का चोला ओढ़ लिया।
गुढा कटला के रामेश्वरधाम आश्रम में पुजारी बनकर बस गया। प्रवचन देने लगा। श्रद्धालुओं की कतारें लगने लगीं। इलाके के गणमान्य लोग भी उसे पूज्य मान बैठे। लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उसकी चालें पढ़ रही थी। छह से ज्यादा टीमों ने महीनों की मेहनत से उसकी लोकेशन ट्रेस की और रविवार को आश्रम में उसे दबोच लिया। देवेंद्र शर्मा की हत्याओं की कहानी नर्क से भी भयावह है। 1994 में गैस एजेंसी ली, लेकिन जब घाटा हुआ, तो मानव अंग तस्करी की ओर बढ़ गया। 1998 से 2004 के बीच, किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में शामिल हुआ गिरफ्तारी के बाद उसने 125 से ज्यादा अवैध ट्रांसप्लांट की बात कबूल की थी।
लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी…डॉक्टर डेथ टैक्सी बुक करता, ड्राइवर को सुनसान जगह ले जाकर गला घोंट देता, फिर शव को कासगंज की हजारा नहर में फेंक देता, जहां मगरमच्छ चंद मिनटों में सबूत साफ कर देते।
फिर वह टैक्सी को ब्लैक मार्केट में बेच देता। पुलिस के हाथ में न गवाह, न सबूत। पिछले एक साल से वह आश्रम में ऐसा जीवन जी रहा था, मानो कोई तपस्वी हो। लोग चरण स्पर्श करते थे, उसे संत मानकर आशीर्वाद लेते थे। लेकिन अंदर ही अंदर वह पुलिस को चकमा देकर कानून से भागता रहा। क्राइम ब्रांच ने जैसे ही उसे मंच से पकड़ा, सन्नाटा छा गया। श्रद्धालु आंखें फाड़कर देखते रह गए—जो प्रवचन दे रहा था, वही असल में था मौत का पुजारी। देवेंद्र शर्मा को दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई है। अब दोबारा उसकी पेशी होगी। कानून के जानकार मानते हैं कि फरारी और नए साक्ष्य उसके केस को और गंभीर बना सकते हैं।

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