मैं जल्द आ जाऊंगी, लव यू कुश मुश पूछताछ के बीच ज्योति मल्होत्रा का लेटर बरामद

नई दिल्ली { गहरी खोज } : भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में पुलिस को ज्योति मल्होत्रा की एक डायरी हाथ लगी है। ज्योति की डायरी से पुलिस को कई जानकारियां मिली है। ज्योति के डायरी के मुताबिक जब वो बाहर जाती थी तो डायरी में मन की बात का जिक्र करती थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिस लेटर की हैंडराइटिंग ज्योति से मेल खाती है, उसमें उसने लिखा है सविता को कहना फल ला दें। घर का ख्याल रखें। मैं जल्दी वापस आ जाऊंगी। इसके अलावा उसमें कुछ जरूरी दवाइयों का भी जिक्र किया गया है, जो घर में मंगवाने के लिए कहे गए हैं।
साथ ही डायरी में यह भी लिखा हुआ था कि मैं जल्दी आऊंगी। ज्योति ने इंडोनेशिया बाली ट्रिप का वीडियो अपलोड करके लाख रुपये खर्च होने का जिक्र डायरी में किया था। बता दें कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को गिरफ्तार किया गया। फिर ज्योति को कोर्ट में पेश कर 5 दिनों की रिमांड पर पुलिस ने ले लिया। पुलिस फिलहाल ज्योति के लैपटॉप, मोबाइल की फॉरेंसिक टेस्ट कर रही है। साथ ही ट्रांजैक्शन, ट्रिप डिटेल और पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग की जांच की जा रही है। इसके अलावा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इस मामले में ज्योति मल्होत्रा के नेटवर्क की जांच कर रही है। पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार ज्योति से पूछताछ कर रही है। बीते रविवार की रात को पुलिस ज्योति को लेकर उसके घर पहुंची थी। पुलिस के हाथ लगी ज्योति की डायरी से कई बड़े राज खुलने की उम्मीद हैं।
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जुड़े व्यक्ति कथित तौर पर ‘अपने सम्पर्क के तौर पर तैयार कर रहे थे। यह जानकारी हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को दी। अधिकारी ने हरियाणा के हिसार में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्योति मल्होत्रा कथित तौर पर पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी के संपर्क में थी। हिसार के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने कहा कि मल्होत्रा के पास सैन्य या रक्षा अभियानों से जुड़ी किसी भी जानकारी तक सीधी पहुंच नहीं थी, लेकिन वह सीधे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जुड़े लोगों के संपर्क में थी।