विमान वाहक पोत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की सभावनाओं पर चर्चा की भारत और अमेरिका ने

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नयी दिल्ली { गहरी खोज } : भारत और अमेरिका ने विमान वाहक पोत से संबंधित प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं के तहत भविष्य में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की है।
नौसेना ने मंगलवार को बताया कि भारत-अमेरिका रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल (डीटीटीआई) के तत्वावधान में विमान वाहक पोत प्रौद्योगिकी सहयोग पर भारत-अमेरिका संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजीएसीटीसी) की 8वीं बैठक में इस बारे में चर्चा की गई।
इस दौरान अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर्स के कार्यक्रम कार्यकारी अधिकारी रियर एडमिरल केसी मोटन की अध्यक्षता में छह सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली और गोवा में विभिन्न रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा किया।
संयुक्त कार्य समूह की बैठक का उद्घाटन सत्र 13 मई को यहां दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसकी सह-अध्यक्षता सहायक नियंत्रक वाहक परियोजना रियर एडमिरल विशाल बिश्नोई ने की। बैठक के दौरान, रियर एडमिरल केसी मोटन ने संयुक्त कार्य समूह के महत्व और पिछले 10 वर्षों में इसके द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला। दोनों पक्षों ने विमान वाहकों पर मूल्यवान सूचना के आदान-प्रदान की दिशा में संयुक्त कार्य समूह द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य की सराहना की। विमान वाहक प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं के तहत भविष्य के सहयोग की योजनाओं पर चर्चा की गई और एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया।
गोवा में भारतीय नौसेना के विमानन विशेषज्ञों के साथ विमान वाहक संचालन और तकनीकी पहलुओं पर पेशेवर बातचीत की गई। यह बैठक विमान वाहक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।

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