हड्डियों की सबसे आम समस्या होती है लिगामेंट इंजरी, हर साल बढ़ रहे केस, क्या हैं इसके शुरुआती लक्षण

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }:हमारे शरीर की हड्डियों को जोड़कर रखने का काम लिगामेंट का होता है। हड्डियों को जोड़ों की मजबूती और उनका सुचारू रूप से संचालित होना बहुत हद तक लिगामेंट पर ही निर्भर होता है। इन दिनों लिगामेंट इंजरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लिगामेंट इंजरी या उनका टूटना एक आम समस्या बनाता जा रहा है। इसके कारण क्या है और लिगामेंट को दोबारा जोड़ा जा सकता है। इस लेख में आपको बताएंगे।
हमारे शरीर में लगभग 900 लिगामेंट होते हैं। जिनके जरिए हमारे शरीर की हड्डियों के जोड़ आपस में जुड़े रहते हैं। सामान्य तौर मोच आने या चोट लगने पर लिगामेंट इंजरी होती है। लेकिन, अब कई और कारणों से भी ऐसा हो रहा है। जिस तेजी के साथ डॉक्टरों के पास लिगामेंट इंजरी के मामले पहुंच रहे हैं, उन्हें देखते हुए डॉक्टर भी अब इसे एक सामान्य समस्या मानने लगे हैं। डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले अधिकांश मामलों में घुटने, टखना, कलाई, कमर, कंधे के लिगामेंट में इंजरी के मामले शामिल होते हैं।
क्यों होती है लिगामेंट इंजरी
मैक्स अस्पताल में आर्थोपेडिक विभाग में एसोसिएट डायरेक्टर और यूनिट हैड डॉ। अखिलेश यादव बताते हैंं किलिगामेंट प्रोटीन फाइबर और एपिलिगामेंट से बने होते हैं। इनमें चोट लगने पर शुरुआती लक्षणों में दर्द, सूजन और अस्थिरता शामिल होती है। लिगामेंट पर चोट लगने पर कभी-कभी एक आवाज भी आती है। सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ। अजय पंवार के अनुसार लिगामेंट इंजरी के मुख्य कारण चोट लगाना है। इसके साथ ही जोड़ों पर ज्यादा खिंचाव देने और अधिक वजन उठाने के कारण भी ऐसा हो सकता है। कई बार झटका लगने पर भी लिगामेंट को नुकसान पहुंचता है। लिगामेंट इंजरी को सही किया जा सकता है। कई बार इसके लिए सर्जरी की भी जरूरत होती है। हालांकि लिगामेंट पहले की तरह मजबूत नहीं हो पाते हैं।
क्या करना चाहिए
लिगामेंट में चोट लगने पर आराम करना चाहिए। बर्फ की सिकाई इसमें लाभदायक होती है। यदि तेज दर्ज हो रहा है यैफिर हड्डी बाहर की ओर निकली महसूस हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लिगामेंट को मजबूत रखने के लिए नियमित व्यायाम करें और ज्यादा देर तक बैठने से बचें। व्यायाम से पहले वार्मअप और स्ट्रेच जरूर करें। दर्द या खिंचाव महसूस हो तो आराम करें। इसके साथ ही अपने आहार में ओमेगा-3,विटामिन ए, सी और मैगनीज वाले पदार्थों को शामिल करें।