पाकिस्तान को चेतावनी

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संपादकीय { गहरी खोज }: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) ने अपने राहत कार्यक्रम की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। पाकिस्तान पर लगाई गई नई शर्तों में 17,600 अरब रुपए के नए बजट को संसद की मंजूरी, बिजली बिलों पर ऋण भुगतान अधिभार में वृद्धि और तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध को हटाना शामिल है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की रपट में कहा गया है कि आइएमएफ द्वारा शनिवार को जारी कर्मचारी स्तर की रपट में यह भी कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से इस कार्यक्रम के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं। रपट में आगे कहा गया है कि पिछले दो सप्ताह में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, लेकिन अबतक, बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है और शेयर बाजार ने अपने हाल के अधिकांश लाभ को बरकरार रखा है। आइएमएफ की रपट में अगले वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट 2,414 अरब रुपए दिखाया गया है, जो 252 अरब रुपए या 12 फीसद अधिक है। आइएमएफ के अनुमान की तुलना में सरकार ने इस महीने की शुरुआत में भारत के साथ टकराव बढ़ने के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए 2,500 अरब रुपए या 18 फीसद अधिक आवंटित करने का संकेत दिया है। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में छह और सात मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने भी आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति बनी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रपट में कहा गया है कि आइएमएफ ने पाकिस्तान पर अब 11 और शर्तें लगाई है। इस तरह पाकिस्तान पर अबतक 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं। नई शर्तों के तहत अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए संसद की मंजूरी शामिल है। आइएमएफ की रपट में कहा गया है कि पाकिस्तान का कुल बजट आकार 17,600 अरब रुपए का है। इसमें से 1,0700 अरब रुपए विकास कार्यों के लिए होंगे। प्रांतों पर भी एक नई शर्त लगाई गई है। इसमें चार संघीय इकाइयां एक व्यापक योजना के माध्यम से नए कृषि आयकर कानूनों को लागू करेंगी, जिसमें रिटर्न प्रसंस्करण, करदाता पहचान और पंजीकरण, संचार अभियान और अनुपालन सुधार योजना के लिए एक परिचालन मंच की स्थापना शामिल है। इस शर्त के तहत प्रांतों के लिए समयसीमा जून तक है। एक और नई शर्त यह है कि सरकार आइएमएफ के संचालन में सुधार के आकलन की सिफारिशों के आधार पर कामकाज के संचालन की कार्रवाई योजना प्रकाशित करेगी। इसके अलावा एक और शर्त यह है कि सरकार 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति की रूपरेखा तैयार करेगी और उसे प्रकाशित करेगी। आइएमएफ ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी चार नई शर्तें लगाई हैं।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि बिना कर्जे के वह चल ही नहीं सकता। इसीलिये पाकिस्तान या तो चीन जैसे देश के उधार समान पर निर्भर है या फिर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं पर। अब आईएमएफ द्वारा लगाई शर्तों से पाकिस्तान की बेबसी स्पष्ट दिखाई दे रही है। पाकिस्तान की नकारात्मक नीतियों का ही परिणाम है कि वह राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक स्तर पर अनिश्चितता का सामना कर रहा है।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के बाद वह भारत की देखा-देखी अपना सैन्य बजट बढ़ाने जा रहा है, जबकि यह कदम उसके विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरेगा। पाकिस्तान की भारत के प्रति नकारात्मक नीतियों को देखते हुए तथा पाकिस्तान की आंतरिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए ही आईएमएफ ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए 11 नई शर्तें लगा दी हैं। पाकिस्तान के वर्तमान व भविष्य में तभी सुधार आएगा जब वह भारत के प्रति नकारात्मक सोच का त्याग कर सकारात्मक राह पर चलने का प्रयास करेगा। पाकिस्तान अगर विरोध के लिए विरोध की नीति अपनाकर भारत का हर स्तर पर विरोध जारी रखता है तो फिर उसका वर्तमान और भविष्य दोनों ही अंधकारमय ही होंगे। यह बात बिना किसी संकोच के कही जा सकती है।

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