मुजफ्फरनगर में बीजेपी नेता के दबाव में की गई गिरफ्तारी, एसएसपी के हस्तक्षेप से रिहा हुआ पीड़ित

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मुज़फ्फरनगर{ गहरी खोज }: थाना नई मंडी पुलिस पर भाजपा से जुड़े कथित फाइनेंसर जितेंद्र तेवतिया के प्रभाव में आकर एक निर्दोष व्यक्ति को अवैध रूप से गिरफ्तार करने के आरोप लगे हैं। पीड़िता रेनू ने बताया कि उनके पति आशीष कुमार को बिना किसी ठोस साक्ष्य के पुलिस ने थाने में बैठा लिया था। यह कार्यवाही जितेंद्र तेवतिया द्वारा लगाए गए चोरी के झूठे आरोपों के आधार पर की गई, जबकि आशीष पहले ही उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा चुके थे। रेनू के मुताबिक, यह मामला करीब 15 साल पहले शुरू हुआ था जब उन्होंने जितेंद्र से ₹30,000 ब्याज पर उधार लिए थे। यह रकम ब्याज सहित चुका दी गई थी, फिर भी जितेंद्र ने बार-बार पैसों की मांग की। जब इनकार किया गया, तो उसने परिवार के साथ मारपीट की, जिससे डरकर उन्होंने मुज़फ्फरनगर छोड़कर रुड़की में शरण ली।
हाल ही में लौटने पर जितेंद्र ने फिर से परेशान करना शुरू कर दिया और इस बार आशीष पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर थाना नई मंडी में शिकायत कर दी। आशीष का आरोप है कि उन्होंने जितेंद्र के खिलाफ पहले ही थाना नई मंडी में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। उल्टा, फाइनेंसर के प्रभाव में आकर उन्हें थाने में बैठा लिया गया। रेनू ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पति की रिहाई के लिए थाने पहुंचीं, तो पुलिस ने न केवल उनकी बात को नजरअंदाज किया बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया।
“मैं बार-बार कहती रही कि मेरे पति निर्दोष हैं और किसी भी केस में नामजद नहीं हैं, फिर भी पुलिस ने उन्हें अंदर बैठाए रखा,” रेनू ने कहा।
जब यह मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी ) संजय वर्मा तक पहुंचा, तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए 24 घंटे के भीतर आशीष को रिहा कराने का आदेश दिया।
रेनू ने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायतकर्ता की जगह फाइनेंसर की आवभगत की और उसकी बातें प्राथमिकता से सुनीं, जबकि वह खुद लोगों को झूठे मामलों में फंसा रहा है। इस पूरे मामले ने स्थानीय पुलिस की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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