विश्व हाइपरटेंशन डेः क्या हैं ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण और क्या इससे बचा भी जा सकता है

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: सामान्य तौर पर किसी भी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120/80 रहना चाहिए। हालांकि चिकित्सा पद्धतियों में इस लेकर मामूली सा अंतर जरूर है, लेकिन वह ज्यादा नहीं है। ब्लड प्रेशर 130/80 होता है तो उसे बढ़ा हुआ माना जाता है। इसी स्थिति में जांच और इलाज शुरु करने की जरूरत होती है।

सामान्य रूप से मरीज इस स्थिति को चिंताजनक नहीं मानते हैं और नजरअंदाज कर देते हैं। जिसके कारण ब्लड प्रेशर का प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ता रहता है और एक समय में चिंताजनक स्थिति में भी पहुंच जाता है। शुरुआती स्तर पर ही दिखने वाले लक्षणों की पहचान करके इस पर पूरी तरह से नियंत्रण की जरूरत होती है, जिससे हार्ट अटैक या दूसरी बीमारियों के खतरे को टाला जा सके।

सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील कात्याल बताते हैं कि शुरुआत में बीपी मामूली रूप से बढ़ता है। इसके कई कारण होते हैं। अत्यधिक श्रम, नींद की कमी। शराब, धूम्रपान, अधिक वसा वाला भोजन और ओबेसिटी। इन कारणों से शुरुआत में बीपी मामूली रूप से अधिक होता है और यही अलार्मिंग सिचुएशन होती है।

बीपी के मामूली रूप से बढ़ने पर ही इसके कारणों की तलाश करनी चाहिए। हाई बीपी के लिए कोलेस्ट्रॉल का अधिक होना मुख्य कारण होता है। इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य स्थितियांभी हो सकती हैं, जिनके कारण बीपी बढ़ रहा है। सभी की प्रॉपर जांच करवाई जानी चाहिए और जो भी कारण सामने आए उसका निदान करना चाहिए।

ये होते हैं खतरे
हाई बीपी लगातार बने रहने से कई तरह के खतरे होते हैं। शुरुआत में हाई बीपी के लक्षण पता ही नहीं चलते हैं। जब तक कि ब्लड प्रेशर चिंताजनक स्थिति में न पहुंच जाए। हाई ब्लड प्रेशर रहने से किडनी, लिवर, दिल, फेफड़े सभी को नुकसान पहुंचता है। मल्टी ऑर्गन फेलियर का भी खतरा रहता है। नजरों का धुंधला होना, सांस फूलना, चक्कर आना, सिर में दर्द होना इसके गंभीर लक्षण है। नाक से खून आना और जबड़े में दर्द होना तो चिंताजनक हैं।

क्या ब्लड प्रेशर की बीमारी को रोका जा सकता है
डॉ. कात्याल बताते हैं कि यदि शुरुआत में ही इसका इलाज शुरु कर दिया जाए तो इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। या फिर इससे होने वाले खतरों को बहुत कम किया जा सकता है। पहली बार भी हाई बीपी का पता चले तो उसका मूल कारण तलाश करना चाहिए। यदि कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो धमिनती की भी जांच करवानी चाहिए, कहीं उनमें तो कोलेस्ट्रॉल जमा हुआ नहीं है।

यदि किसी स्थिति या बीमारी के कारण ऐसा हुआ है तो उसकी भी जांच करवानी चाहिए। हाई बीपी होने पर शुरुआत में ही हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपना लेना चाहिए। शराब और धूम्रपान बंद या बहुत कम कर देना चाहिए। अधिक वसा वाले आहार बंद देने चाहिए। दिनचर्या में बदलाव और व्यायाम जरूर करना चाहिए। नींद पूरी लेनी चाहिए। डॉक्टर कात्याल कहते हैं कि सख्त अनुशासन इस बीमारी को बढ़ने से रोकने में बहुत कारगर है।

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