सहकारी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता: शाह

0
2025_5$LargePhoto18_May_2025_18052025195410

AHMEDABAD, MAY 18 (UNI):- Union Home Minister Amit Shah addresses the gathering during 'Cooperative Mega Conference' organised by Gujarat State Co-operative Union, in Ahmedabad on Sunday. UNI PHOTO-65U

अहमदाबाद{ गहरी खोज }: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को यहां कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में सभी लोगों को जागरूक कर, पारदर्शिता के नए आयाम तय कर सहकारी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
श्री शाह ने आज अहमदाबाद में गुजरात राज्य सहकारी संघ द्वारा “विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता की भूमिका” पर आयोजित महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता शब्द पूरे विश्व में आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना वर्ष 1900 में था। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 2021 से सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने का एक बहुत बड़ा प्रयास शुरू हुआ और इसीलिए सहकारिता वर्ष की शुरुआत भारत में करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि 2021 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुई शुरूआत के तहत सहकार से समृद्धि और विकसित भारत में सहकारिता की भूमिका के दो सूत्रों को देश के सामने रखा गया। उसी शुरूआत के अंतर्गत आज गुजरात में इस सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
श्री शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में हुए परिवर्तन के लाभ जब तक निचले स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पीएसीएस) और किसानों तक नहीं पहुंचेंगे तब तक सहकारिता क्षेत्र मजबूत नहीं हो सकता। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि हम सहकारी संस्थाओं को आगे बढ़ाएं। हमें सभी प्रकार की सहकारी संस्थाओं में जागरूकता, प्रशिक्षण और पारदर्शिता लाने का प्रयास करना होगा।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान साइंस ऑफ कोऑपरेशन और साइंस इन कोऑपरेशन पर भारत सरकार ने बल दिया है। आजादी के आंदोलन के समय देश में शुरू हुआ सहकारिता आंदोलन धीरे-धीरे देश के एक बड़े भाग में लगभग समाप्त हो चुका था। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस आंदोलन के तहत हर राज्य और जिले तक सहकारिता का विस्तार हो। साथ ही हर राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों की स्थिति सुधरे, जिलास्तरीय संस्थाएं मजबूत हो और उनके माध्यम से राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर का सहकारी ढांचा भी मजबूत बने।
श्री शाह ने कहा कि कई वर्षों से चली आ रही वैश्विक त्रि-स्तरीय सहकारिता ढांचे की कल्पना में हमने चौथे स्तर को जोड़ा है। सहकारिता के ढांचे की हर सहकारी गतिविधि से जुड़े राष्ट्रीय संस्थानों, राज्यस्तरीय सहकारी संस्थाओं, जिलास्तरीय संस्थाओं और हर क्षेत्र की प्राथमिक सहकारी समितियों को मजबूत करते हुए पूरे देश में सहकारिता को पहुंचाना ज़रूरी है। इसके लिए हमें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का उपयोग करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *