पाकिस्तान के हाइब्रिड और छद्म युद्ध को जड़ से खत्म करके दम लेगा भारत: राजनाथ

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BHUJ, MAY 16 (UNI):- Defence Minister Rajnath Singh interacting with soldiers at Bhuj Air Force Station, in Gujarat on Friday. UNI PHOTO-52U

भुज { गहरी खोज } : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अब केवल सुरक्षा का मामला नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन गया है और भारत इस हाइब्रिड तथा छद्म युद्ध को जड़ से खत्म करके दम लेगा।
श्री सिंह ने गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन पर वायुसैनिकों को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि मौजूदा संघर्ष विराम का मतलब है कि भारत ने पाकिस्तान को उसके व्यवहार के आधार पर जांच के दायरे में रखा है। उन्होंने कहा कि अगर व्यवहार में सुधार होता है तो ठीक है लेकिन अगर कोई गड़बड़ी होती है, तो कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, “ हमारी कार्रवाई सिर्फ एक ट्रेलर थी, अगर जरूरत पड़ी तो हम पूरी तस्वीर दिखाएंगे। ‘आतंकवाद पर हमला करना और उसे खत्म करना’ नए भारत की नई सामान्य बात है।”
श्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत द्वारा नष्ट किए गए अपने आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से इस्लामाबाद को दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करने तथा भविष्य में भी कोई सहायता न देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “ पाकिस्तान अपने नागरिकों से एकत्र किए गए कर को जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को देने में खर्च करेगा, भले ही वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी हो।”
पाकिस्तान सरकार ने मुरीदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा भी की है। निश्चित रूप से, आईएमएफ की एक अरब डॉलर की सहायता का एक बड़ा हिस्सा आतंकवादी ढांचे को वित्तपोषित करने में इस्तेमाल किया जाएगा। क्या इसे अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएमएफ द्वारा अप्रत्यक्ष वित्त पोषण नहीं माना जाएगा? पाकिस्तान को दी जाने वाली कोई भी वित्तीय सहायता आतंकी वित्त पोषण से कम नहीं है। भारत द्वारा आईएमएफ को दी जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान या किसी अन्य देश में आतंकी ढांचा खड़ा करने में नहीं किया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई प्रभावी भूमिका की सराहना की। उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी शिविरों को मात्र 23 मिनट में नष्ट करने के लिए वायुसेना के जांबाजों की सराहना करते हुए कहा, “ जब दुश्मन के इलाके में मिसाइलें गिराई गईं, तो दुनिया ने भारत के पराक्रम की गूंज सुनी।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस अभियान का नेतृत्व वायुसेना ने किया और इस अभियान के दौरान इसने दुश्मनों पर हावी होकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया।
श्री सिंह ने कहा कि भारत के लड़ाकू विमान सीमा पार किए बिना पाकिस्तान के हर कोने पर हमला करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “ दुनिया ने देखा है कि कैसे वायुसेना ने आतंकी शिविरों और बाद में पाकिस्तान के एयरबेसों को नष्ट किया। वायुसेना ने यह साबित कर दिया कि भारत की युद्ध नीति और तकनीक बदल गई है। नए भारत का संदेश है कि हम सिर्फ विदेशों से आयात किए गए हथियारों और प्लेटफार्मों पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि भारत में निर्मित उपकरण हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन गए हैं। भारत में निर्मित हथियार अभेद्य भी हैं।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद ही ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत में बनी इस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अंधेरे में दिन की रोशनी दिखाई। उन्होंने भारत की वायु रक्षा प्रणाली की भी सराहना की, जिसमें डीआरडीओ द्वारा बनाए गए आकाश और अन्य रडार सिस्टम ने जबरदस्त भूमिका निभाई है। कल श्रीनगर के बादामी बाग कैंट में भारतीय सेना के बहादुर जवानों और आज भुज में वायु योद्धाओं तथा सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें एक बार फिर विश्वास हो गया है कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं।
श्री सिंह ने कहा कि भुज 1965, 1971 और अब पाकिस्तान पर भारत की जीत का गवाह रहा है। उन्होंने भुज को देशभक्ति की भूमि बताया, जहां सैनिक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अडिग संकल्प के साथ खड़े हैं। उन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी सेवा के लिए सशस्त्र बलों और बीएसएफ के वायु योद्धाओं और अन्य बहादुर सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों और आधुनिक बुनियादी ढांचे से लगातार लैस करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, श्री सिंह ने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र अपनी सेना का सम्मान करता है और उसे संसाधन, तकनीक और हर तरह का समर्थन प्रदान करता है।

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