सेना के शौर्य, वीरता और अतुलनीय साहस पर गर्व, देशभावना के साथ जुड़ी है तिरंगा यात्रा : ओम बिरला

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कोटा{ गहरी खोज }: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के 5 दिवसीय प्रवास के लिए कोटा पहुंचे हैं। इस दौरान वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे और क्षेत्रवासियों से सीधा संवाद करेंगे। बिरला शक्ति नगर स्थित अपने कार्यालय पर लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं।
ओम बिरला ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से आता हूं। यहां का प्रतिनिधि होने के नाते मैं यहां आता हूं और जनता की समस्याओं को सुनता हूं। यह लोकतंत्र में एक निरंतर प्रक्रिया है जहां लोगों की बातों और उनकी दिक्कतों, उनके अभावों, विकास के प्रति उनकी आकांक्षाओं के बारे में जानना जरूरी है। लोकतंत्र में जनसंवाद एक आवश्यक व्यवस्था है और दुनिया में ऐसे लोकतांत्रिक देश ही आगे बढ़े हैं। लोकतंत्र हमारी कार्यप्रणाली और आत्मा में है। इसलिए लोगों की बातों को सुनना जरूरी है और ऐसा करके हम अपना दायित्व निभाते हैं।”
इस प्रवास का एक प्रमुख आकर्षण शुक्रवार सायं 4 बजे आयोजित होने वाली विशाल तिरंगा यात्रा है, जिसमें बिरला स्वयं शामिल होंगे। यह यात्रा रामपुरा पीपल के पेड़ से शुरू होकर शहीद स्मारक नयापुरा तक जाएगी। इस आयोजन के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
इस पर ओम बिरला ने कहा, “भारत की सेना के शौर्य, उनकी वीरता, उनके अतुलनीय साहस पर देश को गर्व है। हम भारत के वीर सैनिकों को सलाम करते हैं, जिन्होंने भारत के गौरव, सम्मान को बढ़ाया। लोगों के विश्वास को बढ़ाया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक सफल ऑपरेशन भारत की सेना ने किया। हम उनको सलाम करने जा रहे हैं। तिरंगा यात्रा भी उसी का एक हिस्सा है जहां राष्ट्रभक्ति की भावना जन-जन में प्रदर्शित हो रही है और देश का तिरंगा हमेशा ऊंचा रहे।”
इससे पहले शुक्रवार सुबह ओम बिरला ने अपनी ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए सिक्किम राज्य स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से सम्पन्न सिक्किम राज्य के स्थापना दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान बुद्ध की तपोभूमि रही यह पावन धरा देश का प्रथम पूर्ण ऑर्गेनिक राज्य होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन और सतत विकास का प्रेरणास्रोत बनी है। सिक्किम ने अपनी विशिष्ट पहचान को अक्षुण्ण रखते हुए विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि यह राज्य निरंतर शांति, समृद्धि और प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहे और राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहे।”

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