शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने के क्या लक्षण हैं? ये कितना ख़तरनाक

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: शरीर में कई तरह के हार्मोन होते हैं। यह हार्मोन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं। हालांकि हार्मोन का स्तर कम या ज्यादा होने से कई तरह की गंभीर शारीरिक और मानसिक बीमारियों का भी खतरा रहता है। कई बार तनाव के कारण भी हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है। तनाव की स्थिति में शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इसका संतुलन बिगड़ने से कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का संतुलन बिगड़ने पर कुछ लक्षण उभरते हैं। अक्सर हम ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि कुछ समय बाद यही लक्षण गंभीर हो जाते हैं और शरीर को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) हार्मोन की अधिकता से शारीरिक और मानसिक हेल्थ प्रभावित होती है। इसके बेहद मामूली लक्षण उभरते हैं। यदि उनकी पहचान समय से कर ली जाए तो स्थिति को बिगड़ने से बचाया जा सकता है।
ये होते हैं स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने के लक्षण
शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ने पर कुछ लक्षण उभरते हैं। हालांकि शुरुआत में यह लक्षण बहुत हल्के होते हैं, लेकिन उनकी पहचान करके इलाज करना चाहिए। इन लक्षणों में वजन बढ़ना, पेट और चेहरे पर चर्बी बढ़ना, लगातार थकान महसूस होना। ब्लड प्रेशर काबढ़ना, हार्ट बीट तेज होना। पांच संबंधी समस्याएं होना, पेट में दर्द और अपच या कब्ज होना। त्वचा पर मुहासे, लालिमा और त्वचा का पतला होना। इसके अलावा हड्डियों का कमजोर होना, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है। मांसपेशियों में दर्द होना, सोने में परेशानी होना अनिद्रा की शिकायत, चिड़चिड़ापन, तनाव महसूस होना। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इनके कारण डायबिटीज, दिल की बीमारियां हो सकती हैं।
स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करने के लिए क्या करें
स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) बढ़ने के लक्षण उभरने पर सबसे पहले तो तनाव लेना बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपके स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी इलाज करेंगे।