सोशल मीडिया पर आलोचना के बीच इंडिगो ने तुर्की एयरलाइंस से कोड शेयरिंग का किया बचाव

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: बजट एयरलाइन इंडिगो ने गुरुवार को तुर्की एयरलाइंस के साथ अपनी कोड शेयरिंग साझेदारी का बचाव किया। इसके साथ ही, इसे भारतीय यात्रियों और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद भी बताया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तुर्की ने पड़ोसी देश का खुलकर समर्थन किया था। इसके बाद पूरे देश में सोशल मीडिया पर इंडिगो से तुर्की एयरलाइंस के साथ अपना करार रद्द करने की अपील की जा रही है। इंडिगो ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था भारतीय और तुर्की एयरलाइंस को द्विपक्षीय एयर सर्विस एग्रीमेंट (एएसए) के तहत 56 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करने की अनुमति देती है। एयरलाइन ने कहा, “यह व्यवस्था भारतीय यात्रियों और देश की अर्थव्यवस्था को कई प्रकार के फायदे उपलब्ध कराती है।”
इंडिगो ने कहा कि इससे लंबी दूरी की कनेक्टिविटी का विस्तार ऐसे समय पर हुआ है, जब कोविड-19 महामारी के बाद ग्लोबल एयर फेयर की कीमतें बढ़ रही हैं। बजट एयरलाइन ने कहा, “बढ़ी हुई क्षमता ने विशेष रूप से दो-स्टॉप कनेक्शन के माध्यम से छोटे शहरों से उड़ान भरने वाले भारतीय यात्रियों के लिए अधिक किफायती अंतरराष्ट्रीय यात्रा की अनुमति दी है।” इंडिगो ने बताया कि इस साझेदारी के व्यापक आर्थिक प्रभाव हैं। इससे व्यापार बढ़ा है और नौकरियां पैदा होने के साथ देश की टैक्स आय में भी योगदान मिला है। सोशल मीडिया पर इंडिगो की तुर्की एयरलाइंस के साथ कोड-शेयरिंग पार्टनरशिप की तीखी आलोचना हो रही है। साथ ही यूजर्स इंडिगो से गुहार लगा रहे हैं कि एयरलाइन इस साझेदारी को समाप्त करे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने लिखा कि इंडिगो आप तुर्की एयरलाइंस के साथ अपनी साझेदारी को कब समाप्त करेंगे। वे हमारे नागरिकों से मुनाफा कमा रहे हैं और हमारे देश के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने भी अपनी बात रखते हुए सुझाव दिया कि बहिष्कार की शुरुआत इंडिगो द्वारा समझौता समाप्त करने और वैकल्पिक मार्गों जैसे एथेंस के लिए सीधी उड़ान भरने से हो सकती है।

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