तुर्की का बकलावा शाही दरबार में किस बादशाह के लिए बना था? भारत में भी पॉपुलर

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: तुर्की अपने खानपान के लिए भी वर्ल्ड फेमस है। यहां घूमने के लिए आने वाले राजधानी इस्तांबुल में कई टेस्ट में लाजवाब डिशेज का स्वाद जरूर चखते हैं। यहां मिलने वाले स्ट्रीट फूड्स में फ्राइड से लेकर स्टीम यानी हर तरह का खानपान बहुत पसंद किया जाता है। कबाब हो या नान… तुर्की जाने वाले इनका स्वाद चखे बिना लौट नहीं पाते हैं। भारत में आज गलियों में खूब खाए जाने वाली रुमाली रोटी का भी तुर्की से खास कनेक्शन है। अब बात करते हैं यहां कि चर्चित मिठाईयों की जिन्हें एक बार खा लिया जाए तो मुंह से स्वाद हटता नहीं है। हम बात कर रहे हैं यहां की सबसे पॉपुलर स्वीट बकलावा की। इसे यहां पेस्ट्री भी कहा जाता है जिसे मैदा, पिस्ता और मीठे सिरप से तैयार किया जाता है।

बकलावा एक तरह की पेस्ट्री होती है। इसे बनाने के लिए मैदा, चीनी, ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया जाता है।फिर मैदे की पतली शीट तैयार की जाती है। उसमें हर एक परत में कटे हुए अखरोट या पिस्ता छिड़का जाता है। बकलावा में इन परतों में पिघला हुआ मक्खन भी लगाया जाता है जिससे इसका स्वाद बढ़ जाता है। चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें…

बकलावा का इतिहास
बकलावा तुर्की की सबसे पुरानी मिठाइयों या डिशेज में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इसे सबसे पहले तुर्की, ग्रीस, मध्य एशिया या अरब देश में बताया गया। लेकिन माना जाता है कि इसका सबसे प्रसिद्ध रूप ऑटोमन साम्राज्य में विकसित हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मिठाई को शाही दरबारों में परोसा जाता है।

बकलावा से जुड़ी कुछ रोचक बातें
बताया जाता है कि शाही दरबारों में परोसे जाने वाली बकलावा मिठाई को तुर्की के टोपकापी पैलेस में सुल्तान के लिए बड़े शौक से तैयार किया जाता था। आज चाहे घर का फंक्शन हो या ईद का जश्न… अगर बकलावा खानपान में शामिल न हो तो सेलिब्रेशन अधूरा होता है।

तुर्की ही नहीं ग्रीस और लेबनान भी इसे अपनी ट्रेडिशनल मिठाई मानते हैं। साल 2013 में यूनेस्को की Intangible Cultural Heritage लिस्ट में शामिल किया गया।

रमजान के दौरान भी इसे खूब खाया जाता है और रोजा खत्म होने पर इसे ईद के जश्न में गिफ्ट के लिए रूप में भी एक-दूसरे को दिया जाता है। इसे Bayram Baklavası भी कहा जाता है

खास बात है कि इसे तैयार करने का तरीका भी काफी अलग है। मैदा की परतों को फिलो डो (Phyllo Dough) पुकारा जाता है। फिलो डो की लेयरिंग करने के बाद मक्खन स्प्रेड किया जाता है और फिर ड्राई फ्रूट्स को डाले जाते हैं। इसे बेक करने के बाद इस पर चीनी के सिरप को डाला जाता है। इसका स्वाद बेहद शानदार होता है।

क्या आप जानते हैं कि इसे बिना अंडे और बेकिंग पाउडर के तैयार किया जाता है। इसमें सिर्फ मैदा, पानी, मक्खन और ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल होता है। वैसे ये घरों से ज्यादा दुकानों में मिलता है। इसका स्वाद कुरकुरी लेयर्स, मलाईदार मेवे और मीठा सिरप तय करते हैं।

भारत में क्यों है ज्यादा पॉपुलर?
भारत आज उन देशों में से एक है जहां बकलावा को मिठाई के रूप में बहुत पसंद किया जाता है। चाहे ईद हो या दिवाली।। रिश्तों में मिठास बढ़ाने का काम काजू कतली नहीं बकलावा भी कर रहा है। इसके भारत में पॉपुलर होने का कारण सिर्फ स्वाद ही नहीं इसे सर्व किए जाने का तरीका भी है। दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई में इसके कई आउटलेट या दुकानें खुल गई हैं। देखा जाए तो भारत की ट्रेडिशनल मिठाइयां जैसे काजू कतली, गुलाब जामुन और जलेबी को बकलावा कड़ी टक्कर दे रहा है। बीते कुछ सालों में दिल्ली, हैदराबाद, कश्मीर और मुंबई में नए रिकॉर्ड सेट हुए हैं क्योंकि इन जगहों पर बकलावा की डिमांड काफी हाई है।

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