पानी और खून एक साथ नहीं बह सकताः मोदी

संपादकीय { गहरी खोज }: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देश को पहली बार संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी दृढ़ता के साथ दो टूक शब्दों में कहा कि भारत किसी परमाणु हमले को सहन नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत का मत एक दम स्पष्ट है कि टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया गया है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापा जाएगा कि वो क्या रवैया अपनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के बहादुर सशस्त्र बलों, सैनिकों, वैज्ञानिकों और खुफिया एजेंसी को ‘सेल्यूट’ किया। प्रधानमंत्री ने कहा, आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है। मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नयी लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है। पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। तीसरा-हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने पाकिस्तान का घिनौना सच फिर देखा, जब मारे गये आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, पाकिस्तानी फौज और सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। मोदी ने कहा कि मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो आतंकवाद और पीओके पर ही होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन यह आतंकवाद का युग भी नहीं है। मोदी ने कहा, जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों और ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, उनका हौसला भी थर्रा गया। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा, हताशा में घिर गया और बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों, गुरुद्वारों, मंदिरों, सामान्य नागरिकों के घरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी वह खुद बेनकाब हो गया। पाकिस्तान के ड्रोन्स और मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गई। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। दुनिया भर में गुहार लगा रहा था। बुरी तरह पिटने के बाद 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय सशस्त्र सेनाओं के वरिष्ठ प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले सोमवार को ही भारतीय सशस्त्र बलों ने तुलसीदास और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों के साथ पड़ोसी देश को कड़ा एवं सटीक संदेश दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता की शुरुआत में इस अभियान से जुड़ा वीडियो दिखाया गया, जिसमें रामधारी सिंह दिनकर की कविता को पूरे जोश के साथ गाया गया ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। याचना नहीं अब रण होगा, जीवन जय या मरण होगा।’ ये पंक्तियां दिनकर ने महामारत युद्ध के संदर्भ में लिखी थीं। इन पंक्तियों के साथ वीडियो क्लिपिंग दिखाये जाने के सवाल पर भारतीय वायुसेना के वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने कहा, रामधारी सिंह दिनकर हमारे राष्ट्रकवि रहे हैं। यह सवाल कि उनकी पंक्तियों के साथ क्या संदेश दिया जा रहा है। तो मैं बस, आपको रामचरित मानस की एक पंक्ति याद दिलाऊंगा तो आप समझ जाएंगे कि क्या संदेश है। इसके बाद उन्होंने चौपाई कही, ‘बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होई न प्रीति।’ भारती ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकी बुनियादी ढांचे और आतंकवादियों के खिलाफ थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का समर्थन करना चुना और संघर्ष बढ़ाया।
अधिकारियों द्वारा जो कहा गया है अगर पाकिस्तान भारत द्वारा दिए संदेश को गंभीरता से लेते हुए आतंकियों को समर्थन और संरक्षण देना रोक देता है तो यह पाकिस्तान के हित में ही होगा। पाकिस्तान की राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक स्थिति में जो कमजोरियां आज दिखाई दे रही हैं उसके लिए पाकिस्तान की नकारात्मक नीतियां ही हैं। केवल और केवल भारत विरुद्ध बोलने या करने से पाकिस्तान के जन का विकास नहीं होने वाला। हां नकारात्मक नीतियां पाकिस्तान को विनाश ही ओर अवश्य ले जाएंगी। भारत विभाजन के साथ अस्तित्व में आये पाकिस्तान की ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने नये भारत को लेकर जो भ्रम व भ्रांतियां थी वह काफी दूर हो चुकी होंगी। लेकिन पाकिस्तान के आंतरिक हालातों को देखते हुए भारत को अभी ‘जागते रहो’ वाली नीति पर ही चलना होगा। पाकिस्तान उस समय के इंतजार में होगा कि कब भारत अपनी सुरक्षा को लेकर लापरवाही करे और वह वार करे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ-साथ विश्व को भी संदेश दे दिया है कि भारत आतंकवाद तथा आतंकवाद को समर्थन व संरक्षण देने वालों को अब बर्दाश्त करने वाला नहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता पर भारतीय सशस्त्र सेनाओं को सलूट करते हुए देश के जन की सशस्त्र सेना के प्रति भावनाओं को ही प्रकट किया है। पाकिस्तान को समझना होगा कि टैरर, टॉक, ट्रेड और पानी के साथ खून नहीं बह सकता। अगर भारत के साथ पाकिस्तान को संबंध रखने हैं तो उसे अपनी कथनी और करनी में सकारात्मक बदलाव लाना होगा।