ओडिशा सतर्कता विभाग ने सरकारी धन के गबन के आरोप में पांच वन अधिकारियों को गिरफ्तार किया

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भुवनेश्वर{ गहरी खोज }: ओडिशा सतर्कता विभाग ने 2023-24 वित्तीय वर्ष के दौरान कालाहांडी दक्षिण वन प्रभाग में ‘प्रतिपूरक वनीकरण योजना’ के 80 लाख रुपये की सरकारी धनराशि के गबन के आरोप में वन विभाग के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
ओडिशा सतर्कता विभाग के सूत्रों के अनुसार, कालाहांडी दक्षिण वन प्रभाग के जयपटना रेंज में योजना के तहत सरकारी धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के संबंध में विश्वसनीय सूचना के आधार पर जांच शुरू की गई थी। ओडिशा सतर्कता विभाग के 25 अधिकारियों की चार टीमों द्वारा योजना के तहत वृक्षारोपण का सत्यापन किया गया। जयपटना रेंज के भीतर कई वृक्षारोपण स्थलों पर गहन गणना की गई। गणना में पांच स्थलों पर वृक्षारोपण कार्य में काफी कमी और धन की हेराफेरी का पता चला। जांच में आगे पता चला कि वृक्षारोपण के धन को कई फर्जी श्रम खातों में भेज दिया गया था और कुछ ही समय बाद निकाल लिया गया था।
जांच के बाद निम्नलिखित वन अधिकारियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया साक्ष्य स्थापित किए गए, जिनमें डिप्टी रेंजर सैरेंद्री बाग और रेंज के प्रभारी जयपटना, वनपाल उमेश राउत और देबराज सुनानी और वन रक्षक अशोक कुमार साहू तथा ललित नायक शामिल हैं। ये सभी जयपटना रेंज में तैनात हैं। उन्हें रिकॉर्ड में हेराफेरी करके और वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान वृक्षारोपण कार्य को पूरा न करके 79,54,635 रुपये की हेराफेरी में शामिल पाया गया। इस संबंध में कोरापुट के सतर्कता विभाग ने 12 मई को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) सहपठित 13(1)(ए) के तहत ( भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 द्वारा संशोधित) और भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा 316(5), 318(4), 336(3), 340(2), और 61(2) के तहत पांच अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सभी पांच आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर भवानीपटना स्थित विशेष न्यायाधीश, सतर्कता की अदालत में पेश किया गया। जांच जारी है।

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