गणेश जी दूर करेंगे घर का हर वास्तु दोष, जानें कहां और कैसे रखें गणपति की मूर्ति ?

धर्म { गहरी खोज } : हिंदू धर्म में ही बल्कि ज्योतिष और वास्तु में भी भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है, जो अपने भक्तों के विध्न हरते हैं और रिद्धि-सिद्धि उनकी पत्नियां है जो उनके साथ ही चलते हैं। वहीं शुभ लाभ उनके बच्चे हैं लिहाजा उनका पूरा परिवार सुख समृद्धि देता है।
जहां गणेश हैं वहां मंगल है
गणपति को मंगलमूर्ति भी कहा जाता है। माना जाता है कि भगवान श्री गणेश जहां पर होते हैं वहां पर किसी प्रकार का दोष नहीं होता है। गणपति की कृपा से बड़े से बड़े वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
मुख्यद्वार का वास्तु गणपति करेगें दूर
अगर आपके घर के प्रवेश द्वार में कोई वास्तु दोष हो या किसी भी प्रकार की बाधा हो तो। ऐसे अपने घर के मुख्य द्वार पर गणपति की बैठी हुई प्रतिमा लगानी चाहिए या फिर आप घर की चौखट के आगे और पीछे मतलब दोनों तरफ से गणपति की प्रतिमा लगाएं।
गणपति की प्रतिमा का साइज
गणपति की प्रतिमा कभी भी ऊँचाई में ना तो 6 इंच से अधिक होनी चाहिए और ना ही 11 अंगुल से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए।
गणपति की प्रतिमा की पीठ
माना जाता है कि गणपति की प कुछ ऐसे पीठ में दरिद्रता का वास होता है और पेट में समृद्धि का। तो मूर्ति ऐसे रखें कि पीछे से पीठ न दिखाई पड़ें।
गणपति की प्रतिमा की दिशा
गणेश जी की मूर्ति को घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण), उत्तर या पश्चिम दिशा में स्थापित करना शुभ होता है। गणपति की पूजा का यह उपाय आपको हमेशा सुख और सौभाग्य प्रदान करेगा। मूर्ति का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
अधिक संग्रह एकत्र ना करें
माना जाता है कि गणेश जी ज्यादा मूर्ति एकत्र नहीं करनी चाहिए और कभी भी खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
लगाएं गणेश यंत्र
घर में धन-धान्य,सुख-समृद्धि और सौभाग्य को पाने के लिए गणपति की मूर्ति की तरह गणेश यंत्र भी स्थापित कर सकते हैं। गणेश यंत्र से दुख और दुर्भाग्य घर में नहीं आते हैं।