सूर्यदेव इस दिन बदलने जा रहे हैं अपनी चाल, इन 4 राशि वालों पर पड़ेगा बुरा असर!

धर्म { गहरी खोज } : सभी ग्रहों के राजा सूर्यदेव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। जिसका कई राशि वालों पर बुरा असर देखने को मिल सकता है और कुछ राशि वालों की किस्मत चमक सकती है। कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सूर्य के इस गोचर का 4 राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह प्रभाव और व्यक्तिगत कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।
पंचांग और ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य देव 15 मई दिन गुरुवार को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में देर रात 12 बजकर 11 मिनट पर गोचर करेंगे। सूर्य देव के वृषभ राशि में गोचर करने की तिथि पर वृषभ संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही पवित्र नदी स्नान और दान किया जाता है। इसके अलावा इन 4 राशि वालों पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
वृषभ राशि
सूर्य आपके लग्न भाव से दूसरे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको वाणी में कठोरता, पारिवारिक कलह और आर्थिक मामलों में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक है।
कर्क राशि
सूर्य आपके चतुर्थ भाव से पंचम भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि में आपको संतान संबंधी चिंताएं, प्रेम संबंधों में तनाव और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
वृश्चिक राशि
सूर्य आपके सप्तम भाव से अष्टम भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है। जीवनसाथी के साथ अनबन और ससुराल पक्ष से संबंधों में खटास आ सकती है।
कुंभ राशि
सूर्य आपके दशम भाव से एकादश भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों से मतभेद हो सकते हैं और स्थानांतरण के योग भी बन सकते हैं।
इन बातों का रखें खास ध्यान
आपकी व्यक्तिगत कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति इस प्रभाव को कम या ज्यादा कर सकती है। बुरा असर पड़ने का मतलब यह नहीं है कि आपके साथ कुछ बहुत ही नकारात्मक होगा। इसका अर्थ यह है कि इन राशियों के जातकों को इस अवधि में अधिक सावधानी बरतने, धैर्य रखने और नकारात्मक विचारों से बचने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इन प्रभावों से बचने के लिए नियमित रूप से सूर्यदेव की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें। रविवार के दिन व्रत रखें और अपने पिता और अन्य वरिष्ठजनों का सम्मान करें। गुस्से पर नियंत्रण रखें और वाणी को मधुर रखें। गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।