भारत-नेपाल सुरक्षाकर्मियों ने सीमा पार घुसपैठ रोकने के लिए बढ़ाई निगरानी

0
c0980e0a653d1e0e411d4f9c33c870bf_293225128

काठमांडू/नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: नेपाल और भारत के सुरक्षा बलों ने बर्दिया और भारत के बीच 83 किलोमीटर खुले सीमा क्षेत्र के 20 बिंदुओं पर निगरानी बढ़ा दी है ताकि घुसपैठ रोकी जा सके। इस क्षेत्र का अधिकतर हिस्सा भारत के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य और घने वन क्षेत्रों से सटा हुआ है, जिन्हें उच्च जोखिम वाले क्षेत्र माना जाता है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बर्दिया की मुख्य जिला अधिकारी रुद्रदेवी शर्मा ने कहा,“नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ), नेपाल पुलिस और भारत के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की ओर से नो-मैन्स-लैंड में संयुक्त गश्त की जा रही है।”
गणेशपुर–लौकही कॉरिडोर को बर्दिया जिला प्रशासन कार्यालय ने उच्च जोखिम वाला क्षेत्र बताया है। सुरक्षा कड़ी करने के लिए वहां प्रवेश पर सख्त नियम लागू किए गए हैं, जिनके तहत लोगों को चेकपॉइंट्स पर अपनी पहचान दर्ज करानी होगी। यह कदम आपराधिक गतिविधियों जैसे अवैध सीमा पार आवागमन, फरारी अपराधी, मादक पदार्थों और मानव तस्करी जैसी चिंताओं के चलते उठाया गया है, जो स्थानीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
यह क्षेत्र सीमावर्ती और निगरानी की कमजोर व्यवस्था के कारण सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुआ है। अब सख्त निगरानी और संयुक्त प्रयासों के जरिए रणनीतिक प्रवेश बिंदुओं पर नियंत्रण तथा सीमा पार अपराधों को रोकने की कोशिश की जा रही है।
अब सीमा पार करने वाले लोगों को यात्रा का उद्देश्य, गंतव्य, वापसी की तारीख और मिलने वाले व्यक्ति की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। वैध पहचान पत्र भी जरूरी है। यह सख्ती हाल ही में पहलगाम, कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाक तनाव बढ़ने के चलते की गई है। कड़ी सुरक्षा और बढ़ती सतर्कता के कारण लौकही और बलैगांव जैसे भारतीय सीमावर्ती शहरों में नेपाली नागरिकों की आवाजाही में कमी देखी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *