गंगा दशहरा से लेकर अपरा एकादशी तक…जेष्ठ माह में पड़ने वाले हैं ये खास व्रत-त्योहार

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धर्म { गहरी खोज } : हिंदू कैलेंडर के हिसाब से जेष्ठ तीसरा माह हैं। वैशाख मास के बाद ज्येष्ठ मास की शुरुआत होती है। सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है। यह माह भगवान सूर्य को समर्पित होता है। कहा जाता है कि इस महीने में सूर्य देवता बलवान होते है।इसलिए इस महीने में प्रचंड गर्मी पड़ती है। वहीं जेष्ठ माह में पूजा-पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही इस माह में दान पुण्य और गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। विशेष तौर पर जेठ महीने के गर्म दिनों में जल का दान करना महापुण्य दायीं माना जाता है।

कब शुरू होगा जेष्ठ माह?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी। वहीं अगले महीने यानी 11 जून को जेष्ठ माह का समापन होगा।

ज्येष्ठ मास व्रत-त्योहार लिस्ट
13 मई, मंगलवार : नारद जयंती, ज्येष्ठ माह प्रारंभ, पहला बड़ा मंगल
14 मई, बुधवार: वृषभ संक्रांति
16 मई, शुक्रवार: संकष्टी चतुर्थी
20 मई, मंगलवार: दूसरा बड़ा मंगल, मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
23 मई, शुक्रवार: अपरा एकादशी
24 मई, शनिवार: शनि प्रदोष व्रत
25 मई, रविवार: मासिक शिवरात्रि
26 मई, सोमवार: वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
27 मई, मंगलवार: तीसरा बड़ा मंगल, शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत
30 मई, शुक्रवार: विनायक चतुर्थी
1 जून, रविवार: स्कन्द षष्ठी
3 जून, मंगलवार: चौथा बड़ा मंगल, मासिक दुर्गाष्टमी
4 जून, बुधवार: महेश नवमी
5 जून, गुरुवार: गंगा दशहरा
6 जून, शुक्रवार: निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
8 जून, रविवार: प्रदोष व्रत
10 जून, मंगलवार: पांचवा बड़ा मंगल, वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
11 जून, बुधवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान, कबीरदास जयंती

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