खरगे-राहुल ने मोदी को पत्र लिखकर की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम घोषणा पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग की है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा, “मैं विपक्ष के सर्वसम्मति से किए गए अनुरोध को दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए। लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और आज के युद्धविराम पर चर्चा करना बहुत जरूरी है, जिसकी घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने की थी। यह सत्र आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का अवसर होगा। मुझे विश्वास है कि आप इस मांग पर गंभीरता से और तेजी से विचार करेंगे।” कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 28 अप्रैल के अपने पत्र का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था।
खड़गे ने अपने पत्र में लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री जी, कृपया याद करें कि मैंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में आपसे क्या कहा था। मैंने 28 अप्रैल को लिखे पत्र के माध्यम से आपसे पहलगाम में हुए अमानवीय आतंकवादी हमले को देखते हुए संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया था। नवीनतम घटनाक्रमों के मद्देनजर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आपको फिर से पत्र लिखकर सभी विपक्षी दलों के सर्वसम्मत अनुरोध से अवगत कराया है। उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है, जिसमें पहलगाम आतंकवाद, ऑपरेशन सिंदूर और पहले वाशिंगटन डीसी फिर बाद में भारत और पाकिस्तान की सरकारों की ओर से की गई युद्धविराम घोषणाओं पर चर्चा करने की बात है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मैं इस अनुरोध के समर्थन में पत्र लिख रहा हूं। मुझे विश्वास है कि आप सहमत होंगे।”
वहीं राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मीडिया से बात करते हुए संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि हम आज कोई आलोचना नहीं करेंगे। उन्होंने भी सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि जब तक सरकार उन्हें यह आश्वासन नहीं देती कि प्रधानमंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे, तब तक वे बैठक में शामिल न हों।

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