हाई बीपी की बीमारी में कारगर है पतंजलि की बीपी ग्रिट वटी, ऐसे करती है फायदा

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: ब्लड प्रेशर! बीपी लो या हाई हो तो शरीर को ही नुकसान पहुंचाता है। बीपी में होने वाले बदलाव का तुरंत पता नहीं चलता। कई बार तो सिर दर्द होने या सांस फूलने पर ही इसका पता चलता है। हाई बीपी यानी हाइपरटेंशन इन दिनों एक गंभीर समस्या के तौर पर सामने आया है। बीपी को नियंत्रित रखने के लिए लोग लगातार दवा लेने के लिए विवश होते हैं। एलोपैथिक पद्धति में हाई बीपी के लिए कुछ दवाएं हैं, जिन्हें नियमित तौर पर लेना होता है। हालांकि आयुर्वेद में इस बीमारी का आसान इलाज है।

पतंजलि शोध संस्थान हरिद्वार ने अपनी रिसर्च के बाद दावा किया है कि आयुर्वेदिक दवा दिव्य बीपी ग्रिट वटी हाई बीपी की समस्या को आसानी से काबू कर सकती है। इससे बीपी हमेशा कंट्रोल में रहता है, इस दवा के सेवन से आप बीपी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। रिसर्च में दावा किया गया है कि यह दवा हाई और लो बीपी दोनों में काम करती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर की देखरेख में नियमित तौर पर एक निर्धारित अवधि तक लेने से बीपी की समस्या न केवल नियंत्रित होती है बल्कि यह बीमारी खत्म भी होती है।

दिव्य बीपी ग्रिट वटी ( बीपी ग्रिट वटी) है बहुत फायदेमंद
रिसर्च के बाद पतंजलि की दिव्य फार्मेसी की ओर से दिव्य बीपी ग्रिट वटी के नाम से इस दवा को बाजार में उतारा था। दावा किया गया है कि यह दवा केवल बीपी में ही कारगर नहीं है बल्कि थकान और चक्कर की समस्या को भी दूर करती है। इसके साथ ही यह दवा दिल की धड़कन में सुधार करने के साथ चिंता न्यूरोसिस, भय और बेचैनी में प्रभावी है। खास बात यह है कि दवा का कोई भी साइडइफेक्ट नहीं है। ऐसे में हाई बीपी का मरीज इसका आसानी से सेवन कर सकता है।

दवा में हैं आयुर्वेदिक औषधि
रिसर्च में दावा किया गया है कि दिव्य बीपी ग्रीट वटी में अर्जुन, गोखरू, अनारदाना, लहसुन, दालचीनी और गुग्गल को शामिल किया गया है। आयुर्वेद की इन जड़ी बूटियों की निर्धारित मात्रा को दवा में मिलाया गया है। ये दवाएं बीपी की समस्या में बहुत कारगर हैं। इन दवाओं के सेवन से बीपी की समस्या को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इन सभी दवाओं को एक निर्धारित मात्रा में एक पद्धति के अनुसार दिव्यबीपी ग्रीट वटी में मिलाया गया है।

ऐसे लेनी होती है ये दवा
मरीज की स्थिति से निर्धारित होता है कि किस मरीज को कितनी और कब तक दवा लेनी है। यह आयुर्वेदिक डॉक्टर मरीज के निरीक्षण के बाद ही निर्धारित कर सकते हैं। हालांकि दावा किया गया है कि बीपी के मरीज दवा की दो गोली सुबह के समय नियमित रूप से ले सकते हैं।

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